पानी नहीं तो वोट भी नहीं, पौराणिक टोला की दलित बस्ती का सामूहिक फैसला

 पानी नहीं तो वोट भी नहीं, पौराणिक टोला की दलित बस्ती का सामूहिक फैसला

Bhaskar Hindi
Update: 2019-04-27 08:05 GMT
 पानी नहीं तो वोट भी नहीं, पौराणिक टोला की दलित बस्ती का सामूहिक फैसला

डिजिटल डेस्क, सतना। भीषण पेयजल संकट से परेशान वार्ड क्रमांक-4 के अंतर्गत पौराणिक टोला की दलित बस्ती के लोगों ने लोकसभा चुनाव में वोट नहीं डालने का सामूहिक फैसला लिया है। कलेक्टर डॉ. सत्येंद्र सिंह और निगमायुक्त को सौपें गए अलग-अलग ज्ञापन में उक्त बस्ती के लोगों ने बताया है कि करीब एक महीने से उनके सामने पेयजल की विकराल समस्या है। यदि जल्द से जल्द उक्त समस्या से निजात न दिलाई गई तो वह पलायन करने के लिए मजबूर होंगे, जिसके लिए नगर निगम प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार होगा। सुग्रीव वर्मा, राजेश, विशाल चौधरी, शंकर प्रसाद चौधरी आदि लागों ने बताया कि जलावर्धन योजना के तहत पाइप लाइन लगभग एक साल पहले बिछवा दी गई थी। इसके पहले उक्त बस्ती में पाइप लाइन भी नहीं थी।

महीनों से जमा है अमानत राशि, फिर भी ननि नहीं करवा रहा नल कनेक्शन
सिर्फ हैंडपंपों से लोग पेयजल के लिए गुजारा करते थे। जलावर्धन योजना के तहत करीब 50-60 लोगों से नल के लिए अमानत राशि नगर निगम द्वारा कई महीने पहल जमा करवाई गई थी। मगर कई महीने बाद भी उनके घरों में नल कनेक्शन नहीं करवाए गए। बताया गया है कि उक्त दलित बस्ती में एक के अलावा बाकी सभी हैंडपंप मार्च में ही सूख गए थे। एक हैंडपम्प से पानी निकलता है, लेकिन उसमें इतनी ज्यादा भीड़ होती है कि लोगों को एक-एक बाल्टी पानी के लिए भी कई घंटे तक भीषण धूप, लू और गर्मी में पसीने से तर-बतर होकर लाइन लगाकर खड़े रहना पड़ता है। जिससे देर रात तक महिलाएं और बच्चों को भी पेयजल के लिए उक्त हैंडपंप में पानी भरने के लिए जागरण करना पड़ता है। जिसके कारण उनके अन्य कार्य ठप्प होते जा रहे हैं।

आरोप है कि अमानत राशि जमा करवाने के बाद भी नल कनेक्शन करवाने के लिए पिछले कई महीनों से संबंधित लोग नगर निगम के आए दिन चक्कर काट रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी उनकी परेशानी का कोई समाधान नगर निगम प्रशासन नहीं कर रहा है। जिससे हताश और व्यथित होकर उन्हें न चाहते हुए भारी मन से लोकसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार किए जाने का सामूहिक निर्णय लेना पड़ा है।
 

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