किसानों से अधिक खुदरा व्यापारी कमा रहे मुनाफा, सब्जियां थोक में सस्ती

किसानों से अधिक खुदरा व्यापारी कमा रहे मुनाफा, सब्जियां थोक में सस्ती

Anita Peddulwar
Update: 2019-08-27 08:08 GMT
किसानों से अधिक खुदरा व्यापारी कमा रहे मुनाफा, सब्जियां थोक में सस्ती

डिजिटल डेस्क,नागपुर। एकतरफ मंदी की मार और दूसरी तरफ कमरतोड़ महंगाई ने हलाकान कर रखा है। शहर के किसी भी खुदरा बाजार में जाने पर सब्जियों के दाम आसमान छूते नजर आते हैं, जबकि थोक बाजार की स्थिति इसके विपरीत है। खुदरा और थोक बाजार में कई सब्जियों के दाम में तीगुना से भी अधिक अंतर चल रहा है, क्योंकि इस पर नियंत्रण के लिए कोई सरकारी यंत्रणा भी नहीं है। कलमना स्थित थोक बाजार में फूल गोभी के दाम 10 से 15 रुपए प्रति किलो के बीच है, जबकि खुदरा बाजार में तीन गुना दाम चुकाने पड़ रहे हैं। थोक विक्रेताओं का कहना है कि खुदरा विक्रेता मार्केट से थोक दर पर सब्जियां ले जाते हैं और खुदरा में तीन से चार गुना अधिक दर पर बेचते हैं।  

संगठित गिरोह का कारनामा

जो किसान सब्जियों का उत्पादन करता है और उसे बेचने के लिए थोक बाजार में लाता है उसे उसकी फसल का उचित दाम नहीं मिलता, लेकिन उसी माल को खरीदकर ऊंचे दाम पर बेचकर खुदरा विक्रेता भारी-भरकम कमाई कर रहे हैं। साफ है कि यह किसी संगठित गिरोह की तरह कारनामा किया जा रहा है।  

बाहर से आनेवाली सब्जियां महंगी

कलमना थोक बाजार में शिमला मिर्च 200 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रही है। थाेक में इसके दाम लगभग 300 रुपए किलो हैं। शिमला मिर्च दूसरे राज्य से आती है, इसीलिए इसके दाम अधिक हैं। लोकल सब्जियां अच्छी खासी आ रही है। इनमें फूल गोभी, करेला, चवला फल्ली, हरी मिर्च आदि शामिल हैं। हरी मिर्च की आवक बुलढाणा से भी हो रही है, जबकि टमाटर आंध्र प्रदेश से आ रहा है। 

सरेआम लूट 

खुदरा व्यापारी सरेआम लूट रहे हैं। विरोध करने पर दो टूक कहते हैं-लेना है तो लो, नहीं तो वापस रख दो"। पेट भरने के लिए सब्जी खरीदना मजबूरी है इसीलिए मजबूरन महंगे दाम पर सब्जियां खरीदनी पड़ती है। महंगाई के दौर में यह जेब पर चोट है। --प्रवीण, ग्राहक

गणेशोत्सव के दौरान बढ़ेंगे दाम

थोक व्यापारियों का कहना है कि गणेशोत्सव के दौरान सब्जियों की मांग बढ़ जाती है, जिसके चलते दाम में और बढ़त आने की संभावना है। 
 

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