संजय राऊत ने कहा - हमारी गुंडागर्दी से मराठी भाषियों की आवाज बुलंद है

संजय राऊत ने कहा - हमारी गुंडागर्दी से मराठी भाषियों की आवाज बुलंद है

Tejinder Singh
Update: 2021-06-17 15:33 GMT
संजय राऊत ने कहा - हमारी गुंडागर्दी से मराठी भाषियों की आवाज बुलंद है

डिजिटल डेस्क, मुंबई। दादर स्थित शिवसेना भवन के सामने शिवसेना कार्यकर्ताओं और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच हुई भिड़त और मारपीट की घटना के बाद प्रदेश में सत्तारूढ़ शिवसेना और विपक्षी दल भाजपा के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है। भाजपा की तरफ से शिवसेना पर गुंडागर्दी करने के आरोप पर शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि जवाबी हमला बोला है। गुरुवार को राऊत ने कहा कि हां शिवसेना गुंडागर्दी करती है। हम महाराष्ट्र के अस्मिता और हिंदुत्व को लेकर सर्टिफाइड (प्रमाणित) गुंडे हैं। पर शिवसेना को सत्ता का अहंकार नहीं है। 

पत्रकारों से बातचीत में राऊत ने कहा कि हमें गुंडा साबित करने लिए किसी के सर्टिफेकट की जरूरत नहीं है। हम सर्टिफाइड गुंडे हैं। मराठी भाषियों ने गुंडागर्दी की तभी मुंबई महाराष्ट्र में है। हमने गुंडागर्दी की तभी महाराष्ट्र में मराठी भाषियों की आवाज बुलंद है। यदि हमारी आवाज को दबाने की कोशिश की तो गुंडागर्दी करनी ही पड़ेगी। राऊत ने कहा कि विपक्ष को आंदोलन का अधिकार है। लेकिन विपक्ष को शिवसेना भवन पर आंदोलन का अधिकार नहीं है। क्योंकि हमारे लिए शिवसेना भवन श्रद्धा स्थल है। उसकी ओर कोई टेढ़ी नजर से देखेगा तो हम उसको सहन नहीं कर सकेंगे। राऊत ने कहा कि शिवसेना भवन के सामने बुधवार को हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन उसके शिवाय कोई विकल्प नहीं था। राऊत ने दावा किया कि आंदोलन में भाजपा की किसी महिला पदाधिकारी पर हमला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आंदोलनों में महिलाओं को दूर रहना चाहिए। इससे पहले अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन खरीदी के कथित भ्रष्टाचार को लेकर शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना में तल्ख टिप्पणी की थी। इसके विरोध में मुंबई भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारियों ने बुधवार को शिवसेना भवन के सामने आंदोलन किया था और शिवसेना कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यकर्तांओं के साथ मारपीट की थी।  

दूसरी ओर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने कहा कि हमें लगता है कि हिंदुत्व के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए। जबकि शिवसेना को लगता है कि इस पर नहीं बोलना चाहिए। शिवसेना ने हिंदुत्व छोड़ दिया है। इसलिए भाजपा और शिवसेना के बीच दूरी पैदा होने की शुरुआत हुई। पाटील ने कहा कि यदि शिवसेना खुद को हिंदुत्ववादी मानती है कि पार्टी को कांग्रेस के एजेंड को समर्थन नहीं करना चाहिए। शिवसेना को इसका विरोध करना चाहिए। पाटील ने कहा कि शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने 15 दिन पहले पेट्रोल-डीजल दर वृद्धि के खिलाफ भाजपा के कार्यालय के सामने पोस्टर लगाने का प्रयास किया था। लेकिन तब भाजपा के कार्यकर्ताओं ने शिवसेना के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट नहीं की थी। 

भाजपा कार्यकर्ताओं से विवाद में शामिल शिवसेना नेताओं ने सीएम से की मुलाकात

दादर स्थित शिवसेना भवन के सामने मुंबई भाजपा के युवा मोर्चा कार्यकर्तांओं के आंदोलन का डटकर सामना करने वाले शिवसैनिकों से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुलाकात की। गुरुवार को वर्षा पर मुख्यमंत्री से शिवसेना विधायक सदा सरवणकर सहित पार्टी के नगरसेवक और शाखा प्रमुख मिले। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने भाजपा के कार्यकर्ताओं का जमकर विरोध करने वाले शिवसैनिकों की सराहना की। हालांकि शिवसेना विधायक सरवणकर ने दावा किया कि वे पार्टी के पदाधिकारियों के साथ उद्धव को मुख्यमंत्री सहायता निधि में एक लाख रुपए की मदद देने के लिए मिले। सरवणकर ने कहा कि हमें मुख्यमंत्री ने संयम बरतने को कहा है। उन्होंने कहा है कि कानून व्यवस्था बिगड़ने की नौबत नहीं आनी चाहिए।  

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