सुप्रीम कोर्ट ने डॉ पायल तडवी की आत्महत्या के आरोपी डॉक्टरों को दी पढ़ाई पूरी करने की अनुमति

सुप्रीम कोर्ट ने डॉ पायल तडवी की आत्महत्या के आरोपी डॉक्टरों को दी पढ़ाई पूरी करने की अनुमति

Tejinder Singh
Update: 2020-10-08 15:58 GMT
सुप्रीम कोर्ट ने डॉ पायल तडवी की आत्महत्या के आरोपी डॉक्टरों को दी पढ़ाई पूरी करने की अनुमति

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को मुंबई के बीवाईएल नायर अस्पताल में रेजिडेंट डॉ पायल सलमान तडवी की आत्महत्या के मामले में आरोपी तीन डॉक्टरों को पढाई पूरी करने कॉलेज और अस्पताल में प्रवेश की अनुमति दे दी है। आत्महत्या के लिए उकसावे और जातिगत भेदभाव की तीन आरोपी डॉक्टरों अंकिता खंडेलवाल, हेमा आहूजा और भक्ति मेहर को सशर्त जमानत देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि इन तीनों को जमानत की अवधि के दौरान बीवाईएल नायर अस्पताल परिसर के भीतर जाने की अनुमति नहीं होगी।

बॉम्बे हाईकोर्ट के इस आदेश को चुनौती देते हुए आरोपी तीन डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट मे याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने अपनी पढाई पूरी करने की अनुमति की मांग की थी। महाराष्ट्र सरकार ने इस याचिका के जवाब में विरोध किया था और कहा था कि आरोपियों पर जब तक सुनवाई खत्म नहीं हो जाती, उन्हें पढाई पूरी करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

न्यायाधीश यू यू ललित, विनीत सरन और अजय रस्तोगी की पीठ ने आज इस मसले पर सुनवाई की। इस दौरान आरोपियों को पढाई पूरी करने की अनुमति देते हुए कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि यदि कानून कुसी अभियुक्त को उसके अपराध सिद्ध होने तक निर्दोष मानता है तो अपीलकर्ता निश्चित रुप से निर्दोष व्यक्ति हैं। अपीलकर्ता संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन और वैयक्तिक स्वतंत्रता के अधिकार सहित सभी मौलिक अधिकारों और अध्ययन के अपने पाठ्यक्रम को पूरा करने के हकदार है। जब तक की इन अधिकारों का प्रयोग सुचारु संचालन और अभियोजन की प्रगति में बाधा नहीं डालता हैं।

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