पुणे में जल्दबाजी में दी गई लॉकडाउन में ढील, शिवसेना सांसद संजय राऊत ने अजित पर साधा निशाना 

पुणे में जल्दबाजी में दी गई लॉकडाउन में ढील, शिवसेना सांसद संजय राऊत ने अजित पर साधा निशाना 

Tejinder Singh
Update: 2020-09-03 12:52 GMT
पुणे में जल्दबाजी में दी गई लॉकडाउन में ढील, शिवसेना सांसद संजय राऊत ने अजित पर साधा निशाना 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुणे में लॉकडाउन में ढील देने को लेकर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अलग-अलग राय थी। शिवसेना सांसद संजय राऊत ने यह खुलासा किया है। उन्होंने नाम लिए बैगर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना भी साधा। गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में राऊत ने कहा कि पुणे में लॉकडाउन की ढील जल्दबाजी में दी गई। मुख्यमंत्री लॉकडाउन में जल्द ढील देने के विरोध में थे।

राऊत ने कहा कि मुख्यमंत्री पहले दिन से कह रहे हैं कि पुणे में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। लेकिन अब पुणे में मुंबई पैटर्न लागू किया जा रहा है। पुणे में जो भी अड़चन होगी उसको दूर कर जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी राज्य सरकार, मनपा की ही नहीं बल्कि विपक्ष की भी है। क्योंकि जनता सबकी है। राऊत ने कहा कि पुणे में कार्डियक एंबुलेंस नहीं मिल पाने के कारण मराठी न्यूज चैनल के पत्रकार पांडुरंग रायकर की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है।

पांडुरंग को बचाने के लिए हर संभव कोशिश की गई थी लेकिन उनका शरीर साथ नहीं दे रहा था। इससे पहले लॉकडाउन शिथिल करने को लेकर मुख्यमंत्री और राकांपा के बीच मतभेद उभरकर सामने आए थे। मुख्यमंत्री राज्य में धीरे-धीरे गतिविधियां शुरू करने के पक्ष में थे लेकिन उपमुख्यमंत्री समेत राकांपा के कई मंत्री राज्य के आर्थिक नुकसान को टालने के लिए गतिविधियां शुरू करने के पक्ष में थे। 

भाजपा के नेता प्रधानमंत्री से सवाल पूछने का साहस करें 

राऊत ने कोरोना संकट में मुख्यमंत्री के घर से बाहर नहीं निकलने के विपक्ष आरोप पर भी जवाब दिया। राऊत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में बैठकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कामकाज कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ठाकरे भी इसी तरह काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के कामकाज का तरीका एक जैसा है। यदि प्रदेश के विपक्ष के नेताओं को मुख्यमंत्री के कामकाज की पद्धति स्वीकार नहीं है तो वे पहले प्रधानमंत्री से सवाल करने का साहस करें। राऊत ने कहा कि मुख्यमंत्री कहां पर बैठकर काम करें यह उनका अधिकार है। कोरोना संकट में स्वास्थ्य संबंधी एक प्रोटोकॉल है।

प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली में बैठकर ही काम कर रहे हैं। हर राज्य के मुख्यमंत्री भी इसी तरीके से काम कर रहे हैं। जब प्रधानमंत्री प्रोटोकॉल नहीं तोड़ रहे हैं तो मुख्यमंत्री ठाकरे क्यों प्रोटोकॉल तोड़ें। एक सवाल के जवाब में राऊत ने कहा कि कोरोना संकट के बीच राज्य में आईएएस और आईपीएस अफसरों के लगातार तबादले किए जाने के विपक्ष के आरोप पर राऊत ने कहा कि तबादला सरकारी प्रक्रिया का हिस्सा है। पूर्व की भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद तबादला नहीं किया था क्या? 

केंद्र सरकार के समर्थन में शिवसेना 

संसद के मानसून सत्र में प्रश्नकाल रद्द करने के केंद्र सरकार के फैसले पर शिवसेना का साथ मिला है। राऊत ने कहा कि कोरोना संकट में सरकार अधिवेशन चला रहा है, यही महत्वपूर्ण बात है। प्रश्नकाल रद्द हुआ है तो यह क्यों हुआ है, इसका ख्याल भी हमें रखना चाहिए। राऊत ने कहा कि प्रश्नकाल रद्द होने को लेकर हंगामा करने का कोई मतलब नहीं है। हम अलग-अलग मंचों से सरकार से सवाल पूछ सकते हैं। राऊत ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र भी कोरोना के कारण दो दिन का हो रहा है। इससे पहले विपक्षी दलों ने प्रश्नकाल रद्द करने को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की थी।  
 

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