महाराष्ट्र : अब भी मल्टीप्लेक्स में मनमाने दाम पर बेचा जा रहा खाद्य पदार्थ, नहीं पहुंचा सरकारी आदेश

महाराष्ट्र : अब भी मल्टीप्लेक्स में मनमाने दाम पर बेचा जा रहा खाद्य पदार्थ, नहीं पहुंचा सरकारी आदेश

Anita Peddulwar
Update: 2018-08-04 08:28 GMT
महाराष्ट्र : अब भी मल्टीप्लेक्स में मनमाने दाम पर बेचा जा रहा खाद्य पदार्थ, नहीं पहुंचा सरकारी आदेश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मल्टीप्लेक्स थियेटरों में  खाद्य पदार्थ व जलपान की वस्तुओं पर आज भी मनमानी कीमत वसूली जा रही है। सारे नियम-कायदों को ताक पर रख कर उपभोक्ताओं को लूटा जा रहा है।जबकि सरकार ने मानसून सत्र के दौरान कहा था कि 1 अगस्त से मल्टीप्लेक्स थियेटरों में प्रिंट रेट पर ही सामान उपलब्ध होंगे। इसके अलावा लोग खुद का भी खाद्य पदार्थ अंदर ले जा सकेंगे। लेकिन थियेटर प्रबंधन का कहना है कि उनके पास सरकार का कोई आदेश नहीं आया है, जब आएगा तो पालन किया जाएगा।

दोगुने दामों में बिक्री
कोल्ड ड्रिंक, पॉपकाॅर्न, बोतलबंद पानी, बर्गर, आईस-टी से लेकर अन्य खाने की वस्तुओं के मनमाने दाम लिए जा रहे हैं। यहां बोतलबंद पानी 40 रुपए में मिल रहा है, जबकि बाजार में 20 रुपए में मिलता है। पॉपकार्न पर दस गुना से अधिक कीमत वसूली जा रही है। पाॅपकाॅर्न का 100 से 150 ग्राम वाला डिब्बा 180 से लेकर 300 में रुपए में बेचा जा रहा है।

मनसे के आंदोलन के बाद मानसून सत्र में खाद्य व आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट ने कहा था कि 1 अगस्त से मल्टीप्लेक्स में एमआरपी कीमतों पर ही चीजें मिलेंगी। परंतु इसका असर शहर के मल्टीप्लेक्स थियेटरों में देखने को नहीं मिल रहा है। सरकार ने इन थियेटरों में स्वयं के खाने-पीने की वस्तुएं ले जाने की बात भी कही थी, लेकिन इस पर भी अमल नहीं किया जा रहा है। पैक्ड- केवल पानी ही कंपनी की बोतल में बेचा जाता है। अनपैक्ड- कोल्ड ड्रिंक को सिनेमा हॉल वाले अपनी पैकिंग में बेचते हैं। पॉपकार्न, मोमोज, समोसा, पेटीज से लेकर अन्य कई खाने वाली वस्तुएं इसमें शामिल हैं।

मुंबई हाईकोर्ट ने दिया था निर्णय
मुंबई उच्च न्यायालय ने भी एक जनहित की सुनवाई में अपने निर्णय में कहा था कि मल्टीप्लेक्स थियेटर्स बाहर से खाद्य पदार्थ और पानी ले जाने पर रोक नहीं लगा सकते हैं। कोर्ट ने कहा था कि अगर मेटल डिटेक्टर है, तो कोई घातक चीज अंदर कैसे ले जा सकता है। इसलिए बाहर से सामान ले जाने देना चाहिए। इसको लेकर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए।

बाहर रखवा देते हैं सामान
खाने पीने की किसी भी सामग्री की कीमत 100 रुपए से अधिक है। शहर के एक मॉल में तो किसी भी वस्तु की न्यूनतम कीमत 150 रुपए से ऊपर है। यह मनमानी वसूली पैक्ड और अनपैक्ड दोनों तरह की वस्तुओं पर की जा रही है। नियमानुसार सभी प्रकार के पैक्ड व अनपैक्ड उत्पाद उपभोक्ता संरक्षण के नियम में आते हैं। खास तौर पर पैक्ड सामानों पर अंकित अधिकतम मूल्य से अधिक नहीं लिया जा सकता है। एमआरपी में ही टैक्स, ट्रांसपोर्ट व अन्य खर्च जुड़े होते हैं। केवल सर्विस टैक्स देने के नाम पर सामान की वास्तविक कीमत से दोगुना पैसा वसूला जा रहा है। अगर कोई व्यक्ति बाहर से कोई सामान लेकर जाता है, तो उसे चेकिंग प्वाइंट पर ही रोक दिया जाता है। यहां तक की तैनात सुरक्षाकर्मी पानी तक अंदर नहीं ले जाने देते हैं। 

कोई जीआर नहीं मिला
हमारी फूड एंड वेबरेज की ब्रिकी 35 से 40 प्रतिशत है, जो हमारे लिए फायदेमंद है। हमें कोई आदेश नहीं मिला है कि लोग फूड अपने साथ सिनेमाहॉल में ला सकते हैं या नहीं। सरकारी परिपत्रक प्राप्त होगा तो तभी नियम लागू होंगे। 
(व्यंक्टेश, PRO, अाईनॉक्स) 

शिकायत करते हैं लोग
मल्टीप्लेक्स में मनमानी कीमत को लेकर लोग कई बार निजी तौर पर मिलने आते हैं और शिकायत करते हैं। वहीं कुछ लोग वाट्सएप पर शिकायत करते हैं। फिर हम उनकी शिकायतों काे डिविजनल इंस्पेक्टर के पास भेजते हैं। 
(मोहनीश लांडे, डिप्टी कंट्रोलर ऑफ लीगल मेट्रोलॉजी)

फूड कोट से ही थिएटर मेंटेन होता है
फूड एंड वेबरेज, फूड कोट से ही थिएटर मेंटेन होता है। मल्टीप्लेक्स में फूड महंगा होना लाजमी है। इससे ही मल्टीप्लेक्स को लाभ मिलता है।
(संतोष मिश्रा, मैनेजर, स्मृति सिनेमा)
 

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