पुलिस कर्मी के बेटे को भी नहीं छोड़ा, नौकरी दिलाने के नाम पर लगाई 4 लाख की चपत

पुलिस कर्मी के बेटे को भी नहीं छोड़ा, नौकरी दिलाने के नाम पर लगाई 4 लाख की चपत

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-04 09:46 GMT
पुलिस कर्मी के बेटे को भी नहीं छोड़ा, नौकरी दिलाने के नाम पर लगाई 4 लाख की चपत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ठगों ने नौकरी दिलाने के नाम पर पुलिस कर्मी के बेटे को भी चपत लगाने से नहीं छोड़ा। MSEB  में नौकरी दिलाने के नाम पर मामा-भांजा ने पुलिस कर्मी के बेटे हित उसके दो दोस्तों से करीब 3.75 लाख रुपए ठग लिए। आरोपियों ने तीनों बेरोजगार युवकों को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिया। आरोपियों की करतूत उजागर होने पर पुलिस कर्मी के बेटे आशीष ठाकुर ने मानकापुर थाने में मामा-भांजा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। मानकापुर पुलिस ने आरोपी ईश्वर पेठउईके और उसके भांजे संदीप मेश्राम, निवासी सावली, पारशिवनी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है।

फर्जी नियुक्ति पत्र से हुआ खुलासा
पुलिस सूत्रों के अनुसार श्रीनगर ढोरे ले-आउट कोराडी रोड निवासी आशीष ठाकुर व उसके दो मित्रों से आरोपी ईश्वर और संदीप ने ठगी की। आरोपियों ने आशीष और उसके दोनों दोस्तों से एमएसईबी में नौकरी लगाने के नाम पर वर्ष-2016 में करीब 3.75 लाख रुपए लिए और उन्हें नौकरी दिलाने का झांसा देते रहे। कुछ समय बाद ईश्वर और संदीप ने आशीष और उसके दोस्तों  को MSEB मंडल के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र दिया। जब तीनों नियुक्ति पत्र लेकर MSEB के कार्यालय में पहुंचे तब हकीकत पता चली कि, उन्हें ठग लिया गया है। आशीष ठाकुर ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। मानकापुर पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

बहन के घर के बगल में रहने का उठाया फायदा
मानकापुर थाने के सहायक पुलिस उपनिरीक्षक एजाज शेख ने बताया कि, आशीष ठाकुर के पिता पुलिस विभाग में कार्यरत हैं। आरोपी संदीप मेश्राम, आशीष ठाकुर और उसके एक दोस्त (पीड़ित युवक) की बहन के मकान की बगल में रहता है। संदीप का उसके दोस्त की बहन के घर आना-जाना था। संदीप को यह पता था कि, आशीष ठाकुर और उसके दोनों दोस्त नौकरी की तलाश में हैं। संदीप ने तीनों को MSEB में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। उन्हें बताया कि, उसका मामा ईश्वर बिजली प्लांट में कार्यरत हैं। यह सुनकर आशीष और उसके दोस्त संदीप के बहकावे में आ गए। 

लेते रहे किस्तों में रुपए
चूंकि संदीप बहन के घर के बाजू में रहता है, इसलिये उन्होंने उस पर आंखें बंद कर विश्वास भी कर लिया। गौरतलब है कि, करतूत उजागर न हो इसलिये युवकों से किस्तों में रुपए लेते रहे, लेकिन उनकी पोल खुल ही गई।  

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