प्रदेश में भ्रष्टाचार का सबसे जल्द फैसला, सरपंच को 4 साल की सजा, 50 दिन में सुनवाई पूरी 

प्रदेश में भ्रष्टाचार का सबसे जल्द फैसला, सरपंच को 4 साल की सजा, 50 दिन में सुनवाई पूरी 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-31 07:30 GMT
प्रदेश में भ्रष्टाचार का सबसे जल्द फैसला, सरपंच को 4 साल की सजा, 50 दिन में सुनवाई पूरी 

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जबलपुर में लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश ने भ्रष्टाचार के मामले में सबसे जल्द 50 दिन में फैसला सुनाया है। लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश ने ग्राम पंचायत उमरिया ढिरहा मझौली के तत्कालीन सरपंच जवाहर लाल गोंटिया को 4 साल का कारावास और 2 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। सरपंच ने प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किश्त जारी करने के लिए 1500 रुपए की रिश्वत ली थी।

किश्त की राशि जारी करने के लिए 5 हजार रुपए की मांग की

लोकायुक्त के विशेष लोक अभियोजक प्रशांत शुक्ला ने बताया कि 24 मई 2017 को ग्राम पंचायत उमरिया ढिरहा निवासी रतिराम कुशवाहा ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया कि उसके पिता गणेश प्रसाद कुशवाहा के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 40 हजार रुपए की पहली किश्त मिलना था। इस संबंध में वह सरपंच जवाहर लाल गोंटिया से मिला। सरपंच ने किश्त की राशि जारी करने के लिए उससे 5 हजार रुपए की मांग की। मोलभाव के बाद सरपंच 1500 रुपए लेने के लिए राजी हो गया। लोकायुक्त की टीम ने 25 मई 2017 को पंचायत भवन ढिरहा में सरपंच जवाहर लाल गोंटिया को 1500 रुपए लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। विशेष लोक अभियोजक प्रशांत शुक्ला के तर्क सुनने के बाद न्यायालय ने सरपंच को 4 साल का कारावास और 2 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। 

10 जुलाई 2019 को पेश किया चालान 

लोकायुक्त ने इस मामले में 10 जुलाई 2019 को न्यायालय में चालान पेश किया था। विशेष न्यायालय ने अभियोजन की ओर से 5 और बचाव पक्ष के एक गवाह का परीक्षण और प्रतिपरीक्षण करने के बाद 50 दिन में फैसला सुनाया। प्रदेश में पहली बार भ्रष्टाचार के मामले में सबसे जल्द 50 दिन में फैसला हुआ है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत भ्रष्टाचार के मामले का निराकरण करने के लिए 2 साल की समय सीमा निर्धारित की गई है।
 

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