पीओपी की गणेश मूर्ती पर पाबंदी, राधा-कृष्ण को छूट

मनपा का अजब नियम पीओपी की गणेश मूर्ती पर पाबंदी, राधा-कृष्ण को छूट

Tejinder Singh
Update: 2021-08-29 09:17 GMT
पीओपी की गणेश मूर्ती पर पाबंदी, राधा-कृष्ण को छूट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गइस साल शहर में पीओपी की गणेश मूर्तियों की बिक्री पर पाबंदी लगा दी गई है। लेकिन आपको जानकर आश्चर्य हो सकता है कि जन्माष्टमी के अवसर पर स्थापित की जाने वाली कृष्ण और राधा की मूर्तियां पीओपी में बनाकर शहर में आयात की जाती हैं। एक अनुमान के अनुसार शहर में जन्माष्टमी के अवसर पर 25 हजार से अधिक प्रतिमाएं स्थापित होती हैं। इनमें से अाधी प्रतिमाएं बाहर से आयात की जाती हैं और यह प्रतिमाएं पीओपी की होती हैं।

मूर्तियों को लेकर नियमावली नहीं 

मनपा के एक अधिकारी के अनुसार, पीओपी मूर्तियों को लेकर जो निर्देश मिले हैं और मनपा ने जो नियमावली तैयार की है, वह केवल गणेश मूर्तियों को लेकर है। जन्माष्टमी या अन्य अवसरों पर बेची जाने वाली प्रतिमाओं के संबंध में कोई निर्देश नहीं है। इसलिए राधा-कृष्ण की पीओपी मूर्तियां बेचने पर कार्रवाई नहीं की जा सकती। पिछले दस साल से शहर में अमरावती व अन्य शहरों से बड़ी संख्या में पीओपी की राधा-कृष्ण की मूर्तियां आयात की जाती हैं। शहर के चितार ओली, मानेवाड़ा, धरमपेठ आदि क्षेत्रों में कुछ दुकानों में मूर्तियां बेची जाती हैं।  

प्राकृतिक तालाबों में होता है विसर्जन

मनपा द्वारा गणेशोत्सव के लिए तालाबों को टीन की बाड़ लगाकर बंद किया जाता है। इस दौरान विसर्जन के लिए कृत्रिम टैंक लगाए जाते हैं, लेकिन जन्माष्टमी के समय ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की जाती है। जन्माष्टमी के अवसर पर स्थापित की जानेवाली मूर्तियों का दूसरे दिन या पांच दिन बाद विसर्जन किया जाता है। इनका विसर्जन तालाबों में किया जाता है। इसमें मिट्टी और पीओपी दोनों मूर्तियों का समावेश होता है। इससे जल प्रदूषण होता है, लेकिन कोई आवाज नहीं उठाता। लालगंज, बंगलादेश, जुनी मंगलवारी, बिनाकी, बुधवारी, गोलीबार चौक, टिमकी, तांडापेठ समेत शहर के अन्य कुछ क्षेत्रों में राधा-कृष्ण की मूर्तियों की स्थापना की जाती है।

कार्रवाई करनी चाहिए

चंदन प्रजाप्रति, कार्याध्यक्ष-पारंपरिक मूर्तिकार एवं बहुउद्देशीय संस्था के मुताबिक पीओपी से बनी सभी तरह की मूर्तियों की बिक्री पर पाबंदी है, इसलिए पीओपी मूर्तियों की बिक्री करने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए। इनके विसर्जन के लिए भी कृत्रिम टैंक की व्यवस्था होनी चाहिए। मनपा के संबंधित विभाग ने इसकी दखल लेनी चाहिए। 

कृत्रिम टैंक बनवाएंगे

डॉ. गजेंद्र महल्ले, नोडल अधिकारी, घनकचरा व्यवस्थापन विभाग के मुताबिक मनपा की नियमावली गणेश मूर्तियों के संबंध में है। दूसरी मूर्तियों पर पाबंदी का नियम नहीं है, इसलिए कार्रवाई नहीं की जा सकती। राधा-कृष्ण की मूर्तियों का विसर्जन प्राकृतिक तालाबों में न हो, इसका ध्यान रखा जाएगा। जोन स्तर पर संबंधित निर्देश देता हूं। 

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