किन्नरों के कल्याण के लिए सरकार ने बनाया बोर्ड

किन्नरों के कल्याण के लिए सरकार ने बनाया बोर्ड

Anita Peddulwar
Update: 2019-02-23 13:41 GMT
किन्नरों के कल्याण के लिए सरकार ने बनाया बोर्ड

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य सरकार ने किन्नरों के कल्याण के लिए सरकारी बोर्ड का गठन किया है। राज्य के सामाजिक न्याय मंत्री इस बोर्ड के मुखिया होंगे। यह बोर्ड न सिर्फ किन्नरों के सामाजिक-आर्थिक विकास को सुनिश्चित करेगा, बल्कि उनके अधिकारों का भी संरक्षण करेगा। इस संबंध में सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बडोले ने कहा कि समाज में किन्नरों के साथ काफी बुरा बर्ताव व भेदभाव होता है। किन्नरों को विकास की मुख्यधारा से दूर रखा जाता है। इस वजह से सरकारी की ओर से शुरू की गई कल्याणकारी योजनाएं उन तक पहुंच ही नहीं पाती।

अब समय आ गया है कि सरकार किन्नरों के सरंक्षक के रुप में कार्य करे ताकि उनका सामाजिक व आर्थिक विकास हो सके और समाज में उचित स्थान मिलने के साथ ही विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि कल्याण बोर्ड अपने कार्य की शुरुआत किन्नरों को पहचान पत्र (आईडी) जारी करके करेगा। शिक्षा के लिए किन्नरों को प्रोत्साहित करने के लिए छात्रवृत्ति दिया जाएगा। जिन किन्नरों को पात्र होने के बावजूद छात्रावास में जगह नहीं मिल सकती उन्हें सरकार की ओर से आंबेडकर स्वाधार योजना के तहत सालाना 60 हजार रुपए दिए जाएंगे। कार्य का हुनर व शिक्षित किन्नरों को नौकरी के अवसर भी प्रदान किए जाएंगे। जिससे उन्हें जीविका के लिए यहां-वहां भीख न मांगनी पड़े। 

सामाजिक न्यायमंत्री बडोले ने कहा कि कुछ समय बाद किन्नरों की आवासीय समस्या को सुलझाने के लिए गृह निर्माण की योजना भी लायी जाएगी। किन्नरों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए नियमित अंतराल पर स्वास्थ्य शिविर भी आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा किन्नरों को नशे की लत से मुक्त कराने की दिशा में भी पहल की जाएगी। इस बोर्ड में किन्नर समुदाय के जाने-माने शख्सियतों को भी बोर्ड अहम पद दिए जाएंगे। इसके साथ ही बोर्ड में विधान सभा व विधान परिषद के एक सदस्यों के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत सामाजिक कार्यकर्ताओं को शामिल किया जाएगा। 

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