नकली रेमडेसिविर में डाला था असली बैच नंबर - एसआईटी की पूछताछ में आरोपियों ने किया खुलासा 

नकली रेमडेसिविर में डाला था असली बैच नंबर - एसआईटी की पूछताछ में आरोपियों ने किया खुलासा 

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-19 12:58 GMT
नकली रेमडेसिविर में डाला था असली बैच नंबर - एसआईटी की पूछताछ में आरोपियों ने किया खुलासा 

डिजिटल डेस्क जबलपुर । सिटी हॉस्पिटल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीजों को जो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए गए थे उनके स्टीकर्स असली इंजेक्शनों को देखकर ही बनाए गए थे और इसके बाद जब ये इंजेक्शन बनकर तैयार हो गए तब इन्हें मरीजों को लगाने के लिए आगे भेजा गया। इस तरह का खुलासा कौशल वोरा एवं पुनीत शाह ने पुलिस रिमांड के दौरान एसआईटी की पूछताछ में किया है। जानकारों की मानें तो इस पूछताछ में यह भी पता चला है कि नकली रेमडेसिविर बनाने वाले मास्टर माइंड कौशल वोरा और पुनीत शाह काफी समय सेे मेडिकल डिस्पोजल बनाने का कार्य किया करते थे। इस दौरान कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच पूरे देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की माँग चरम पर पहुँच गई। इसी के चलते पहले से मेडिकल क्षेत्र से जुड़े कौशल के हाथ माइलोन कंपनी का असली रेमडेसिविर इंजेक्शन लग गया। इसके बाद उसने उक्त असली इंजेक्शन के स्टीकर की फोटो कॉपी करवाई और असली इंजेक्शन का बैच नंबर भी सभी इंजेक्शनों में उसने डाल दिया।  
कई अन्य बिंदुओं पर भी हो रही पूछताछ- पूछताछ में एसआईटी को कौशल तथा पुनीत ने यह भी बताया है कि उन्होंने सुनील मिश्रा को इंजेक्शन दिए थे। वहीं सुनील ने भी यह स्वीकार किया है कि उसने 500 इंजेक्शनों का स्टॉक भगवती फार्मा के संचालक सपन जैन के माध्यम से सरबजीत सिंह मोखा के सिटी अस्पताल तक पहुँचाया था। अभी एसआईटी इन आरोपियों से कुछ और भी बिन्दुओं पर पूछताछ कर रही है और इस दौरान एसआईटी के सामने कौशल और पुनीत इंजेक्शन बनाने की पूरी प्रक्रिया का खुलासा भी कर रहे हैं। 
 

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