राशन दुकान के सेल्समैन का ट्रांसफर विवाद, हाईकोर्ट ने तलब किया जिम्मेदारों अफसरों को

राशन दुकान के सेल्समैन का ट्रांसफर विवाद, हाईकोर्ट ने तलब किया जिम्मेदारों अफसरों को

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-13 08:03 GMT
राशन दुकान के सेल्समैन का ट्रांसफर विवाद, हाईकोर्ट ने तलब किया जिम्मेदारों अफसरों को

लोस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को फायदा पहुंचाने के आरोप में हटाया गया था सेल्समैन, अगली सुनवाई 16 को
डिजिटल डेस्क जबलपुर । सी
धी जिले की एक राशन दुकान के सेल्समेन के ट्रांसफर विवाद पर हाईकोर्ट ने जिले के सभी जिम्मेदार अधिकारियों को तलब किया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार रीति पाठक का प्रचार करने के आरोप में याचिकाकर्ता सेल्समैन को हटाया गया था। गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस अजय कुमार मित्तल और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने ट्रांसफर के विवाद को गंभीरता से लेते हुए मामले पर 16 मार्च को आगे सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं।
यह याचिका सीधी जिले के कपूरी कोठर में स्थित सेवा सहकारी समिति में सेल्समेन के पद पर पदस्थ दीपक तिवारी की ओर से वर्ष 2019 में दायर की गई थी। याचिका में आरोप है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा की उम्मीदवार रीति पाठक के पक्ष में प्रचार करने का आरोप लगाते हुए की गई शिकायत पर उसे बिना कोई सुनवाई का मौका दिए 19 अप्रैल 2019 को बर्खास्त कर दिया गया था। इस आदेश को चुनौती देकर यह याचिका दायर की गई, जिस पर हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए थे। याचिका के विचाराधीन रहते याचिकाकर्ता को उक्त दुकान से ट्रांसफर कर दिया गया और उसके स्थान पर आलोक पाण्डेय की नियुक्ति कर दी गई।
मामले पर गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आशीष कुमार पाठक, राज्य सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता भूपेश तिवारी और हस्तक्षेपकर्ता की ओर से अधिवक्ता कमलेश द्विवेदी हाजिर हुए। सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि याचिकाकर्ता का वहां से ट्रांसफर हो चुका है, लेकिन वो वहां से जा ही नहीं रहा है। वहीं याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि उस पर राशन वितरण की जिम्मेदारी है और जब तक उसकी मशीन को बदला नहीं जाता, तब तक वो वहां से पद नहीं छोड़ सकता। याचिकाकर्ता द्वारा आलोक पाण्डेय को प्रभार न दिए जाने के विवाद पर युगलपीठ ने दोनों के अलावा सभी जिम्मेदार अधिकारियों को 16 मार्च को हाजिर होने के निर्देश दिए, ताकि कोर्ट में ही आलोक पाण्डेय को प्रभार दिया जा सके।
 

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