आधा दर्जन गांव में बाघ की दहशत, स्पेशल टायर फोर्स ने डाला गांव में डेरा

आधा दर्जन गांव में बाघ की दहशत, स्पेशल टायर फोर्स ने डाला गांव में डेरा

Anita Peddulwar
Update: 2019-09-14 12:48 GMT
आधा दर्जन गांव में बाघ की दहशत, स्पेशल टायर फोर्स ने डाला गांव में डेरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत कुछ आधा दर्जन से ज्यादा गांव में बाघ की दहशत है। एक वयस्क बाघ ने गत दो दिनों में दो मवेशियों का शिकार किया है। कुछ गांववालों ने इसे देखा भी है। हरकत में आई वन विभाग की रेस्क्यू टीम से लेकर सेमिनरी हिल्स की टीम इस बाघ को ढूंढने में लगी है। शनिवार को पेंच के स्पेशल टाइगर फोर्स को बुलाया गया है जो फेटरी गांव में रातभर रूकनेवाली है। 50 से ज्यादा ट्रैप कैमरे लगाये हैं। जो बाघ की गतिविधियों पर नजर रखनेवाली है। याद रहे कुछ दिन पहले वाड़ी के पास एक बाघ को सड़क क्रास करते हुए कुछ वाहनधारकों ने देखा था। यह वही बाघ होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

कुछ दिन पहले वाडी के बाद फेटरी के आस-पास एक बाघ को सड़क क्रास करते देखा गया था। तब से  यहां बाघ की दहशत बनी हुई है। हालांकि किसी ने इसे देखा नहीं था। लेकिन 2 दिन पहले ही नत्थू दामोजी काकडे फेटरी निवासी अपने खेत में मवेशी को चरा रहे थे, तभी बाघ ने एक मवेशी पर हमला कर दिया। हमले के बाद नत्थूजी ने शोर-शराबा किया तो बाघ मवेशी को छोड़कर भाग गया था। यह घटना आस-पास के गांव में आग की तरह फैल गई। इसके बाद बोरगांव में भी एक मवेशी का बाघ ने शिकार किया। जिसके बाद बाघ की दहशत येरला, फेटरी, बोरगांव, खडगाव, भरतवाडा, माहुझरी, चिंचोली, दहेगांव, खंडाला में बाघ होने की आशंका है।

सूत्रों की मानें तो कुछ गांववालों ने इसे देखा भी है। नागपुर वन विभाग को इसकी जानकारी मिलते ही शनिवार को दिनभर बोरगांव, फेटरी में सर्च अभियान चलाया गया। हालांकि बाघ नजर नहीं आया। लेकिन बाघ द्वारा शिकार मवेशी का मिलना व बाघ के पंजे दिखने से यहां बाघ मौजूद होने की पुख्ता जानकारी वन विभाग को मिल गई है। इसके बाद बाघ की गतिविधियों को पकड़ने के लिए कैमरे लगाये गये हैं। वही पेंच से बाघ को ढूंढने के लिए स्पेशल टाइगर फोर्स को भी बुलाया गया है।  

रातभर चलेगा अभियान  

बाघ को ढूंढने के लिए कैमरे लगा दिये हैं। इसके अलावा रातभर टाइगर स्पेशल फोर्स फेटरी में बाघ को ढूंढने का काम करेगी। फिलहाल बाघ को पकड़ने के दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। ऐसे में इसे जंगली क्षेत्र में भेजने की कोशिश की जाएगी। ।

गांववालों की बैठक लेकर दिया प्रशिक्षण उक्त सभी गांव के सरपंच, उपसरपंच के साथ मिलकर उपवनसंरक्षक प्रभुनाथ शुक्ला, आरएफओ विजय गंगावने, मानद वन्यजीव रक्षक कुंदन हाथे ने एक बैठक ली। जिसमें बाघ द्वारा मवेशियों को नुकसान नहीं पहुंचे, इसलिये क्या सावधानी बरतें, खुद को सुरक्षित कैसे रखें आदि के बारे में जानकारी दी गई।

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