बस्तियों तक पहुंच रहा बाघ, आए दिन हो रहे वन्यजीवों के हमले, लोग दहशत में

बस्तियों तक पहुंच रहा बाघ, आए दिन हो रहे वन्यजीवों के हमले, लोग दहशत में

Anita Peddulwar
Update: 2019-06-10 06:46 GMT
बस्तियों तक पहुंच रहा बाघ, आए दिन हो रहे वन्यजीवों के हमले, लोग दहशत में

डिजिटल डेस्क , हिंगना (नागपुर)।  भीषण गर्मी में मानव ही नहीं वन्यजीव भी बेचैनी महसूस कर रहे हैं। गर्मी में भोजन पानी की कमी से व्याकुल वन्यजीव जंगलों से शहर तक आने लगे हैं। हिंगना तहसील की एक बस्ती में बाघ के घूमने व हमले के कारण लोग खौफ में जी रहे हैं।  बीबी शिवार में लगातार बाघ के हमले हो रहे हैं। बाघ ने दोबारा हमला कर दो मवेशियों को निशाना बनाया है बीबी सावली शिवार में किसना बुधबावरे के खेत में बने तबेले में बाघ ने हमला कर एक बछड़े को निशाना बनाया, वहीं दूसरे बछड़े को गंभीर रूप से घायल कर दिया। रविवार की सुबह जब किसान जब तबेले में पहुंचे, तो उन्हें बछड़ा मृत अवस्था में दिखाई दिया। उन्होंने वन विभाग को सूचना दी। वनकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर पंचनामा किया व आर्थिक सहायता का आश्वासन दिया है।

पहले भी हो चुकी है घटना
उल्लेखनीय है कि बीबी सावली शिवार व आसपास के गांवों में इससे पहले भी बाघ ने मवेशियों को निशाना बनाया है। गत 27 मई को वसंता झाड़े के खेत में बंधे एक बछड़े का शिकार किया था। बाघ के हमले के बावजूद वन विभाग की अनदेखी से ग्रामीणों में दहशत व नाराजगी है। बीबी सावली परिसर पूर्ण रूप से जंगल से घिरा हुआ है। ग्रामीणों का जीवनयापन खेती पर ही निर्भर है। जंगल में पानी की कमी से वन्यजीव गांवों का रुख कर रहे हैं। यह समस्या गर्मी के दिनों में ज्यादा बढ़ जाती है।

सालभर बनी रहती है परेशानी
किशोर झाड़े, भारत बुंडे व अन्य किसानों ने बताया कि सालभर वन्यजीवों से फसल का नुकसान व जान का खतरा बना रहता है। वन विभाग की लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। इतना ही नहीं यदि किसी वन्यजीव की मौत खेत में हो जाए, तो खेत मालिक को वन अधिकारी परेशान करने से दोहरी मार झेलनी पड़ती है। 
 

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