सवर्ण और मराठा आरक्षण पर कल हो सकती है सुनवाई

सवर्ण और मराठा आरक्षण पर कल हो सकती है सुनवाई

Tejinder Singh
Update: 2019-01-20 08:58 GMT
सवर्ण और मराठा आरक्षण पर कल हो सकती है सुनवाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरकार द्वारा लगातार बढ़ाए जा रहे आरक्षण कोटे के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। इस पर सोमवार को सुनावाई की उम्मीद है। याचिका में राज्य सरकार द्वारा दिए गए मराठा आरक्षण और केंद्र द्वारा गरीब सवर्णों को दिए गए 10 फीसदी आरक्षण पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता के मुताबिक सरकार द्वारा उक्त आरक्षण का वादा पूरा कर दिया जाए तो आम लोगों के लिए सीट ही नहीं बचेगी इसलिए इस पर रोक लगाए जाने की जरूरत है।

दूधनाथ सरोज और अमीन इदरीस की ओर से वकील एजाज नकवी ने यह याचिका दायर की है। नकवी ने कहा कि राज्य सरकार ने 16 फीसदी आरक्षण मराठा समाज को दे दिया है। इसके अलावा अनारक्षित वर्ग के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण देने की घोषणा हो चुकी है। इस तरह राज्य में आरक्षण की सीमा बढ़कर 76 फीसदी तक हो चुकी है। यहीं नहीं राजनीतिक दलों की ओर से मुस्लिम, धनगर और कोली समाज को भी 5-5 फीसदी आरक्षण का वादा किया जा रहा है। अगर यह भी लागू हो गया तो आम लोगों के लिए सिर्फ नौ फीसदी सीटें बचेंगी। परेशानी यहीं खत्म नहीं होंगी, क्योंकि विकलांग और आर्मी जैसे कोटे भी हैं। इस तरह सामान्य लोग सरकारी नौकरियों से 100 फीसदी वंचित हो जाएंगे।

आर्थिक आधार पर आरक्षण का  आधार नहीं: याचिका
याचिका में हमने कोर्ट से अपील की है कि वह इस तरह रेवड़ियों की तरह बांटे जा रहे आरक्षण पर रोक लगाई जाए। नकवी ने कहा कि संविधान में आर्थिक आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है यह प्रावधान सिर्फ उन जातियों के लिए किया गया था, जिन्हें सदियों से दमन झेलना पड़ा था। लेकिन राजनीतिक दल और सरकारों ने इसका राजनीतिकरण कर दिया है।

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