अब सीधे वेब पोर्टल से हो सकेंगे अविवादित नामांतरण-बंटवारों के आवेदन

अब सीधे वेब पोर्टल से हो सकेंगे अविवादित नामांतरण-बंटवारों के आवेदन

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-10 08:05 GMT
अब सीधे वेब पोर्टल से हो सकेंगे अविवादित नामांतरण-बंटवारों के आवेदन

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। अविवादित नामांतरण व बंटवारों के मामलों में अब कोई भी व्यक्ति सीधे राजस्व विभाग के वेब पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकेगा। यही नहीं आवासीय पट्टे का आवेदन भी रेवेन्यू डिपार्टमेंट की वेबसाईट पर जाकर किया जा सकेगा। पता चला है कि राज्य शासन के रेवेन्यू केस मैनेजेमेंट सिस्टम (RCMS) पर आवेदक लिंक के माध्यम से आवेदन कर सकता है। इसके लिए सिर्फ पोर्टल पर जाकर संबंधित लिंक पर क्लिक कर ऑनलाईन आवेदन भरने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।

वर्तमान में चल रही प्रक्रिया के तहत किसी भी नागरिक को अविवादित नामांतरण-बंटवारे के प्रकरण के लिए लोक सेवा केन्द्र या सीधे संबंधित कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत करना पड़ता है। जबकि, RCMS में शुरु की गई नई व्यवस्था के अंतर्गत आवेदक सीधे ऑनलाईन कहीं से भी आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा। हालांकि, पोर्टल पर पूर्व में भी नामांतरण-बंटवारे के आवेदन की लिंक मौजूद थी, लेकिन विभाग द्वारा इसमें बदलाव कर श्रेणियों में बांट दिया गया है, जिससे आवेदकों को आसानी हो।

जानकारों की माने तो इस व्यवस्था में पूरी प्रक्रिया लोक सेवा केन्द्र में किए जाने वाले आवेदन की तरह ही रहेगी। यानि, जिस प्रकार लोक सेवा में आवेदन के बाद प्रकरण को ऑनलाईन रजिस्टर्ड करने की प्रक्रिया की जाती है, कुछ उसी से मिलती-जुलती प्रक्रिया RCMS पर आवेदन के बाद पूरी हो सकेगी। पोर्टल पर लिंक क्लिक करते ही एक ऑनलाईन फॉर्म का वेब पेज खुलेगा, जिसपर आवेदक से आवश्यक जानकारियां भरनीं होंगी। सभी अनिवार्य जानकारी भरने के पश्चात जैसे ही आवेदक अपनी एप्लीकेशन को सेव कर सबमिट (जमा) करेगा, उसका आवेदन निराकरण के लिए संबंधित अधिकारी की लॉग-इन आईडी पर पहुंच जाएगा।

चक्कर काटने से मिलेगी राहत
ऑनलाईन आवेदन की प्रक्रिया से नागरिकों को काफी राहत मिल सकती है। एक तो लोक सेवा केन्द्रों में लाईन लगाकर आवेदन करने की झंझट से बचा जा सकेगा। वहीं सीधे कार्यालय में आवेदन जमा करने के लिए और पेशियों व आवेदन की स्थिति जानने लिए कार्यालय के चक्कर काटने से राहत मिल सकेगी। दरअसल, लोक सेवा केन्द्रों के माध्यम से आवेदन करने पर निराकरण के लिए समय सीमा निर्धारित है और इसके जरिए ज्यादातर मामलों में निराकरण समय पर हो भी जाता है। क्योंकि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने के कारण इसकी मॉनिटरिंग आला अधिकारी करते हैं और प्रकरण यदि निर्धारित समय से ज्यादा लंबित होता है, तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई कर उनपर जुर्माना भी लगाए जाने का प्रावधान है। यही वजह है कि इससे नागरिकों को समय पर सुविधा मिल सकेगी।

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