एमपी अजब है एमपी गजब है, 24 ग्राम पंचायतों में 'ट्रेविस शेड घोटाला'

एमपी अजब है एमपी गजब है, 24 ग्राम पंचायतों में 'ट्रेविस शेड घोटाला'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-06 15:25 GMT
एमपी अजब है एमपी गजब है, 24 ग्राम पंचायतों में 'ट्रेविस शेड घोटाला'

भास्कर न्यूज, दमोह। एमपी पंचायतों को पशुओं को एक सुरक्षित स्थान प्रदान करने और उनकी देखभाल करने और उनके लिए ट्रेविस शेड बनाने के लिए सरकार राशि प्रदान करती है, लेकिन पंचायतें पशुओं की इन योजनाओं की राशि का बंदरबांट कर 'ट्रेविस शेड घोटाला' अंजाम दे रही हैं। 

दरअसल बुन्देलखण्ड विशेष पैकेज के तहत 'हटा जनपद पंचायत' की 24 ग्राम पंचायतों के खाते में 60-60 हजार रुपए सात माह पहले जमा कराने के बावजूद अब तक 'ट्रेविस शेड' नहीं बनाए गए हैं।  यह राशि पशुपालन विभाग ने 'बुन्देलखण्ड पैकेज' से पंचायतो को ट्रेविस शेड बनाने के लिए दी गई थी, लेकिन निर्माण कार्य शुरू ही नहीं हुआ है। ग्रामीणों का आरोप है कि शासन कितनी भी राशि मुहैया कराए बंदरबांट और कमीशनखोरी का सिलसिला थम नहीं रहा है। चाहे वह योजनाएं हितग्राही हों, पशुओं के उपचार की हों या कुछ और, कहीं भी पंचायतें सब हजम कर ले रही हैं।

पंचायतों में कमीशनखोरी 

विकासखण्ड की जिन 24 ग्राम पंचायतों में ट्रेविस शेड बनाने की राशि डाली गई है, उसमें कमीशन के खेल के चलते संबधित विभाग के अधिकारियों द्वारा सात माह बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य की खोज-खबर नहीं ली गई। वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत के मुखियों का कहना है कि राशि पंचायत के खातों में जमा है, लेकिन निर्माण कार्य क्यों नहीं हुआ उसका जबाब किसी के पास नहीं है। कुछ पंचायत से जुड़े लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जो राशि ट्रेविस शेड के नाम पर पशुपालन विभाग द्वारा डाली गई है, उसके एवज में 5-5 हजार रुपए पहले ही वसूल लिए गए, उसके बाद राशि को खातों में डाला गया। जिससे निर्माण हुआ या नहीं यह देखने की फुर्सत किसी को नहीं।

इन पंचायतों को मिली राशि

ग्राम पंचायत,सकोर,बिनती,काईखेड़ा,बर्धा,मुहरई, देवरी, फतेहपुर, चकरधा, बोरीखुर्द, नयागांव, बिजवार, पिपरिया, किरऊ, रमपुरा, अमझिर,बरखेंरा, चैन, बंधा, कचनारी, देवरागढ़ी, तेवरईया, बछामा, डौली, सनकुईया, मलवारा, निवास, कुवंरपुर, शामिल है। वहीं मामले को लेकर जनपद अध्यक्ष अनुष्का राय से बात की गई तो उन्होने कहा कि जिन 24 ग्राम पंचायतों में यह राशि पहुंचाई गई है, उनसे पांच-पांच हजार की राशि बसूली गई है। उसकी शिकायत पहले भी प्राप्त हुई है उसके सबंध में विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत कराकर दोषियों पर कार्यवाही करवाऊंगी।

मामले में पशु चिकित्सालय के पशु चिकित्सक व प्रभारी डॉ, बीके असाटी का कहना है कि मेरे ऊपर जो आरोप लगाए जा रहें है, वह निराधार है और मैने किसी भी प्रकार से कोई पैसा नहीं लिया। पैसा सात माह पहले पंचायतो के खातों में डाल दिया था शेड क्यों नहीं बनायें गये इसकी जानकारी लेता हूं।

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