यूपी का मोस्ट वांटेड सुरेंद्र कालिया छुपा मैहर में - एसटीएफ ने दी दबिश ,पत्नी सहित दो को उठा ले गई, बच निकला आरोपी
यूपी का मोस्ट वांटेड सुरेंद्र कालिया छुपा मैहर में - एसटीएफ ने दी दबिश ,पत्नी सहित दो को उठा ले गई, बच निकला आरोपी
डिजिटल डेस्क सतना। कानपुर के दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे की देखा-देखी उत्तरप्रदेश के मोस्ट वांटेड क्रिमिनल सुरक्षित ठिकाने की तलाश में मध्यप्रदेश की तरफ रूख कर रहे हैं। इन्हीं नामों में शामिल 50 हजार के इनामी रेलवे ठेकेदार सुरेन्द्र कालिया गिरफ्तारी से बचने के लिए पत्नी रीता शुक्ला और दो सहयोगियों के साथ मां शारदा की नगरी मैहर का रूख किया था, जिसकी तलाश में रविवार देर रात को यहां पहुंची यूपी एसटीएफ के हाथ मुख्य आरोपी तो नहीं लगा पर उसकी पत्नी और एक साथी पकड़ में आ गए, जिन्हें साथ लेकर एसटीएफ वापस लौट गई।
क्या है मामला
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तरप्रदेश के हरदोई जिले के कछौना के वार्ड-1 से जिला पंचायत सदस्य सुरेन्द्र कालिया कृष्णा नगर के बरिगवां-कानपुर रोड में रहता है और लम्बे समय से रेलवे की ठेकेदारी कर रहा है, उसकी पत्नी रीता शुक्ला वार्ड-2 से जिला पंचायत की सदस्य है। सुरेंद्र के खिलाफ लखनऊ, हरदोई समेत कई जिलों के थानों में गंभीर धाराओं के अपराध पंजीबद्ध हैं। वर्ष 2007 में हुसैनगंज थाने से रासुका की कार्रवाई भी हो चुकी है। ठेका हासिल करने के लिए धनबल का सहारा लेने वाले कालिया ने दुश्मनों से बचने और सरकारी गनर हासिल करने के इरादे से योजनाबद्ध तरीके से लखनऊ के आलमबाग इलाके में खुद पर फायरिंग कराने के बाद जेल में बंद बाहूबली नेता धनंजय सिंह पर हमला कराने का आरोप लगाया था, तब पुलिस ने प्राथमिक तौर पर पूर्व सांसद समेत 4 लोगों पर हत्या के प्रयास का अपराध पंजीबद्ध कर लिया था, लेकिन जब यूपी पुलिस ने बारिकी से छानबीन की तो कालिया की पोल खुल गई, लिहाजा जिपं सदस्य के खिलाफ धारा 307, 420 और 34 के अलावा आम्र्स एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया, मगर गिरफ्तारी से पहले ही आरोपी ठेकेदार फरार हो गया। ऐसे में यूपी के डीजीपी ने हिस्ट्रीशीटर पर 50 हजार का इनाम घोषित करते हुए एसटीएफ को टास्क दे दिया।
झारखंड, दिल्ली और चित्रकूट के बाद पहुंचे मैहर
पुलिस का शिकंजा कसते ही सुरेन्द्र कालिया अपनी पत्नी और दो अन्य सहयोगियों के साथ हरदोई से चम्पत हो गया, वह सबसे पहले झारखंड भागा, मगर सुरक्षित ठिकाना नहीं मिला तो दिल्ली का रूख किया पर वहां भी गिरफ्तारी का डर सताता रहा। तब इलाहाबाद निवासी विवेक मिश्रा की स्कार्पियो क्रमांक यूपी 78 डीडब्ल्यू 5519 से रविवार को चित्रकूट आया और फिर शाम होते-होते मैहर पहुंच गया।
लाज में ड्राइवर की आर्डडी लगाकर बुक किए कमरे
मैहर पहुुंचने के बाद ठेकेदार और उसके साथियों ने काफी तलाश के बाद रात लगभग 7 बजकर 40 मिनट पर देवीजी रोड पर बड़ा अखाड़ा के सामने संचालित राजेश विश्वकर्मा के मां यात्री निवास होटल में स्कार्पियो चालक का परिचय पत्र लगाकर दो कमरे बुक कराए। एक कमरे में कालिया पत्नी के साथ रूका तो दूसरे ने ड्राइवर और एक अन्य साथी को रोक दिया। सोमवार सुबह सभी ने मंदिर जाकर दर्शन भी किए। यह लाज राजेश ने विनोद खटिक नामक व्यक्ति को किराए पर दे रखा है। लाज में न तो सीसीटीवी कैमरे लगे थे और न यात्री रजिस्टर मेनटेन किया गया था। इतना ही नहीं एक ही पहचान पत्र पर 4 लोगों को कमरे देकर संचालक ने पुलिस की गाइड लाइन की धज्जियां उड़ाने में कसर नहीं छोड़ी।
रात भर होटलों में छापेमारी के बाद सुबह दो को उठाया
उधर लगातार आरोपी का पीछा कर रही यूपी एसटीएफ दो गाडिय़ों में रात लगभग साढ़े 10 बजे मैहर पहुंची और एसडीओपी आरके शुक्ला से संपर्क किया, जिन्होंने देवीजी चौकी इंचार्ज एचएल मिश्रा को हरसंभव सहयोग देने के निर्देश दे दिए। मैहर पुलिस का साथ मिलते ही एसटीएफ ने देवीजी क्षेत्र के लगभग एक दर्जन होटलों में दबिश देकर तलाशी लेने के बाद सोमवार सुबह करीब 8 बजे मां यात्री निवास में छापा मारकर कालिया की पत्नी रीता और दो अन्य को हिरासत में ले लिया। मगर रहस्यमय ढंग से हिस्ट्रीशीटर और 50 हजार का इनामी सुरेन्द्र कालिया अपने गुर्गे के साथ यहां से भी गायब हो गया। हालांकि थाने में दी गई सूचना में एसटीएफ ने लगभग 10 बजे महिला समेत दो लोगों को ही पकडऩे के साथ ही स्कार्पियो जब्त करने का उल्लेख किया है। औपचारिकता पूरी करने के बाद दोपहर तकरीबन 2 बजे एसटीएफ की टीम लखनऊ रवाना हो गई।
इनका कहना है-
307 के आरोपी की तलाश में टावर लोकेशन के आधार पर यूपी एसटीएफ मैहर आई थी। यहां से मुख्य आरोपी की पत्नी और एक सहयोगी को हिरासत में लेकर टीम वापस चली गई है।
रामखेलावन शुक्ला, एसडीओपी मैहर