बच्चों के निवालों पर हावी कमीशनखोरी, अधिकारियों का महीना भी फिक्स !

बच्चों के निवालों पर हावी कमीशनखोरी, अधिकारियों का महीना भी फिक्स !

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-10 03:40 GMT
बच्चों के निवालों पर हावी कमीशनखोरी, अधिकारियों का महीना भी फिक्स !

डिजिटल डेस्क, कटनी। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रावासों में बच्चों के निवालों (भोजन) पर कमीशनखोरी इस कदर हावी हो चुकी है कि भोजन की गुणवत्ता ही शून्य हो गई है। आदिम जाति और शिक्षा विभाग के हॉस्टल में वार्डन की मनमानी के चलते मेन्यू का पालन नहीं किया जा रहा है। इतना ही नहीं छात्रावासों में छात्रों को घटिया खाना परोसा जा रहा है।

बताया जाता है कि जिले के अफसरों का महीना फिक्स होने की वजह से वार्डन बच्चों का पेट काट रहे हैं। इसके चलते छात्रावासों में भोजन के साथ आवश्यक सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। कलेक्टर की चेतावनी के बाद स्कूल खुलने के करीब एक सप्ताह तक छात्रावासों में व्यवस्थाएं दुरूस्त रहीं। इसके बाद अचानक व्यवस्थाएं पटरी से नीचे उतर गईं।

खरीदी में कमीशनखोरी

छात्रावास में छात्राओं के लिए पिछले वित्तीय वर्ष में की गई खरीदी में जमकर धांधली की गई है। बिल पास करने की एवज में न सिर्फ समिति ने मकसद पूरा किया है बल्कि घटिया सामग्री अब जवाब देने लगी है। आदिम जाति के जिला संयोजक एवं डीपीसी द्वारा वार्डन के हर माह मोटी रकम वसूल की जा रही है। इसी के चलते वार्डन बच्चों को घटिया भोजन की सप्लाई कर सरकारी रकम का बंदरबांट कर रहे हैं। जिले के दो दर्जन से अधिक हॉस्टल में तय मीनू के आधार पर बच्चों को खाना नहीं दिया जा रहा है।

हॉस्टल में काम कर रहे मासूम

जिले के ढीमरखेड़ा और विजयराघवगढ़ के हॉस्टल में रह रहे मासूम बच्चों से वार्डन द्वारा पेड़ पौधों की सिंचाई से लेकर सफाई तक कराई जा रही है। छात्रावासों में मासूमों से सब्जी काटने से लेकर हॉस्टल के अन्य कार्य कराए जा रहे हैं। छात्रों का कहना है कि जुबान खोलने पर हॉस्टल से बाहर करने की धमकी दी जा रही है। इसी के चलते अफसरों के दौरे एवं निरीक्षण में वे अपना दर्द बयां नहीं कर पा रहे हैं। इतना ही नहीं छात्रों को दूध और फल का वितरण सिर्फ कागजों में हो रहा है। सप्लाई में कमीशन के चलते सप्लायर दूध और फल की सप्लाई में खानापूर्ति कर रहे हैं।

जिला परियोजना समन्वयक रमाशंकर गौतम ने कहा है कि हॉस्टल में बच्चों को मीनू से खाना देने के सख्त निर्देश कलेक्टर द्वारा दिए गए हैं। छात्रावासों में वार्डन को कड़ी हिदायत दी गई है। यदि मीनू से खाना नहीं दिया जा रहा है तो दोषी अधीक्षक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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