मुंबई में पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए क्या कर रही सरकार
हाईकोर्ट का सवाल मुंबई में पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए क्या कर रही सरकार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कारो की बढी संख्या के मद्देनजर बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व मुंबई महानगरपालिका से जानना चाहा है कि वह पार्किंग के मुद्दे के समाधान के लिए कौन से प्रस्तावित कदम उठाएगी। हाईकोर्ट ने कहा कि मुंबई में कारों की संख्या बहुत है। ऐसे में यहां नामित पार्किंग स्थल जरुरी है। क्योंकि हर कोई ड्राइवर का खर्च वहन नहीं कर सकता है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति अभय अहूजा की खंडपीठ के सामने दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। याचिका में वाहनों के लिए व्यापक पार्किंग नीति बनाकर उसे लागू करने की मांग की गई है। जिससे ट्रैफिक की समस्या से निजात मिल सके। याचिका में कहा गया है कि लोगों के कहीं पर भी वाहनों के पार्क करने से कई बार अग्निशमन से जुड़ी गाडियों को भी प्रभावित स्थलों तक पहुंचने में मुश्किलें आती हैं। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या उसके पास कोई पार्किंग नीति है। सरकारी वकील पूर्णिमा कंथारिया ने इसका सकारात्मक उत्तर दिया है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि महानगर में सकरे रास्तों की पहचान करना जरुरी है। खंडपीठ ने सरकार व मुंबई मनपा को अगली सुनवाई के दौरान पार्किंग को लेकर अपनी योजना कोर्ट में पेश करने को कहा है। खंडपीठ ने कहा कि मुंबई में कारों की संख्या बहुत है लेकिन यहां कोई नामित पार्किंग स्थल नहीं है। आखिर कार के मालिक कहा गाड़ी पार्क करते हैं। हर किसी के लिए ड्राइवर का खर्च उठा पाना संभव नहीं है। खंडपीठ ने इस मामले में राज्य सरकार व मनपा को हलफनामा दायर करने को कहा है और याचिका पर सुनवाई 6 सप्ताह बाद रखी है।