हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा - बताएं, जेलों में खाली पदों को भरने और नए जेल निर्माण के लिए कौन से कदम उठाए

हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा - बताएं, जेलों में खाली पदों को भरने और नए जेल निर्माण के लिए कौन से कदम उठाए

Tejinder Singh
Update: 2019-02-13 13:06 GMT
हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा - बताएं, जेलों में खाली पदों को भरने और नए जेल निर्माण के लिए कौन से कदम उठाए

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को राज्य भर की जेलों में रिक्त पदों व उन्हें भरने की दिशा में उठाए गए कदमों की जानकारी पेश करने का निर्देश दिया है। अदालत ने सरकार से यह भी जानना चाहा है कि उसने राज्य में नए जेलों के निर्माण की दिशा में क्या पहल की है। हाईकोर्ट ने जेल में बुनियदि सुविधाओं व संसाधन तथा कैदियों के सुधार से जुड़े गंभीर मुद्दे का स्वत: संज्ञान लेते हुए इसे जनहित याचिका में परिवर्तित किया है। मुख्य न्यायाधीश नरेश पाटील व न्यायमूर्ति एनएम जामदार की खंडपीठ के सामने इस याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका पर सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि जेल में किन सुधारों की जरुरत है वहां कौन से संसाधान व सुविधाओं की आवश्यक्ता है। इसे व अन्य विषयों को लेकर महाराष्ट्र विधि सेवा प्राधिकरण ने सरकार को अपनी एक रिपोर्ट सौपी है। इस संबंध में पूर्व न्यायमूर्ति राधाकृष्नन की कमेटी ने भी एक रिपोर्ट दी थी। इन दोनों रिपोर्ट में दी गई सिफारिशों को लेकर क्या कदम उठाए गए। इसकी स्टेटस रिपोर्ट हमारे सामने पेश की जाए। 

चंद्रपुर जेल में मौजूद सुविधाओं की मांगा ब्यौरा

खंडपीठ ने कहा कि हमे अगली सुनवाई के दौरान बताया जाए कि मौजूदा जेलों में क्या ढांचागत बदलाव किए गए है। इसके अलावा चंद्रपुर जेल में कौन-कौन सी सुविधाएं उपलब्ध है? जेल में बंद कैदियों को कौन सी बुनियादि सुविधाए प्रदान की जाती है। कैदियों के सुधार को लेकर कौन से कदम उठाए गए है? कैदियों के हिसाब से जेल में कितनी जगह उपलब्ध है? इसके साथ जेल में मरनेवाले कैदियों को दिए जाने मुआवजे की जानकारी भी सरकार हमारे सामने पेश करे। खंडपीठ ने सरकारी वकील को इन तमान मुद्दों पर एक रिपोर्ट पेश करने को कहा है और मामले की सुनवाई 14 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी है। 

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