उदयनराजे के अपमान पर चुप क्यों है भाजपा - राऊत

उदयनराजे के अपमान पर चुप क्यों है भाजपा - राऊत

Anita Peddulwar
Update: 2020-07-23 16:04 GMT
उदयनराजे के अपमान पर चुप क्यों है भाजपा - राऊत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्यसभा में सदस्यता की  शपथ लेने के बाद भाजपा के छत्रपति उदयनराजे भोसले के ‘जय हिंद, जय महाराष्ट्र, जय भवानी-जय शिवाजी’ के नारे पर राज्यसभा सभापति एम वैंकया नायडू की चेतावनी से महाराष्ट्र में राजनीति गरमा गई है। गुरुवार को शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे के अपमान पर भाजपा चूप क्यों है? राऊत ने कहा कि हमारा मानना है कि जय भवानी-जय शिवाजी की घोषणा संविधान विरोधी नहीं है। जय भवानी-जय शिवाजी की घोषणा जय हिंद और वंदे मातरम जितनी महत्वपूर्ण है। हालांकि शिवसेना सांसद ने कहा कि सभापति ने भी नियमों का पालन किया है। भावना और नियम दो अलग-अलग चीजें हैं। हमने अपनी भावनाएं व्यक्त की है। अब भाजपा को भी अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए। राऊत ने कहा कि यदि उदयनराजे को लगता है कि सदन में अपमान नहीं हुआ है तो इस मामले को खत्म कर देना चाहिए। 

कांग्रेस के आजाद ने जताई थी आपत्तिः भाजपा 

इस पर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने दावा किया कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने उदयनराजे के नारे पर आपत्ति जताई थी। इसके लिए आजाद को माफी मांगनी चाहिए। इसके जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि भाजपा को सबूत दिखाना चाहिए। उदयनराजे ने सभापति को बचाने के लिए कांग्रेस का नाम लिया है। सावंत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में भी उदयनराजे को अग्रिम पंक्ति में नहीं बैठाया गया। इससे भाजपा की मानसिकता समझ में आती है। इधर, संभाजी बिग्रेड ने कई जिलों में आंदोलन कर राज्यसभा सभापति नायडू के खिलाफ नारे बाजी की। जबकि राकांपा की तरफ से नायडू को ‘जय भवानी, जय शिवाजी’ लिखे पोस्टकार्ड डाक से भेजे गए। 

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