इलेक्शन : थोक में बिकते हैं कार्यकर्ता, पैसे के साथ खाना-पीना और पेट्रोल भी चाहिए
इलेक्शन : थोक में बिकते हैं कार्यकर्ता, पैसे के साथ खाना-पीना और पेट्रोल भी चाहिए
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पूरे देश में चुनावी माहौल है। नागपुर भी अछूता नहीं, लेकिन राजनीतिक पार्टियों के पास पहले जैसे कार्यकर्ता नहीं रहे। अब चुनाव प्रचार के लिए भी कार्यकर्ता खरीदे जा रहे हैं। यही नहीं, उनके लिए पैसा, शराब, पेट्रोल, वाहन, भोजन आदि उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कार्यकर्ताओं की हर मांग इस दौरान पूरी हो जाती है। यहां पर, चुनाव में धन-बल का इस्तेमाल सीधे नहीं, परोक्ष रूप से नजर आता है। ऐसा नहीं कि यह पहली बार हो रहा है। पहले से ही चुनाव के दौरान धन-बल का इस्तेमाल होता रहा है और अब भी हो रहा है, प्रक्रिया थोड़ी बदल गई है। भास्कर ने इस मामले को करीब से जानने के लिए एक स्टिंग ऑपरेशन कर दो दिन ऐसे ही लोगों के साथ गुजारे। इसमें कई चौंकाने वाली जानकारियां भी मिलीं। कार्यकर्ता खरीदने के मामले में सभी पार्टियां शामिल हैं।
चुनाव प्रचार का आगाज होते ही कई पार्टियों के नेताओं की नजर मजदूरों के ठिये पर ठहर गई है। अब जुझारू कार्यकर्ता नहीं रहे, पर ऐसा राजनीतिक पार्टियां लगने नहीं देना चाहती हैं, इसलिए कार्यकर्ताओं को थोक भाव में यहां खरीदा जा रहा है। ऐसे ठिये भी इन दिख रहे हैं। बुधवार समय लगभग 10 बजे। मजदूर एकत्र होना शुरू हो गए हैं। इसी दौरान राजनीतिक पार्टी का हवाला देते हुए हमारे संवाददाता ने ठिये के पास दस्तक दी। लोगों ने उसे घेर लिया। संवाददाता ने सधे अंदाज में पूछा-तुम्हारे मुखिया से बात करनी है। एक-एक कर कई लोग सामने आए और सभी ने अपने को दल का मुखिया बताया। समझदार से दिखने वाले एक व्यक्ति ने सौदेबाजी वाले अंदाज में बात की।
इन बस्तियों से लिए जा रहे हैं किराए के कार्यकर्ता
पारडी, जय अंबे नगर, विजय नगर, डिप्टी सिग्नल, भांडेवाड़ी, हिवरी नगर, पडोले नगर, हसनबाग, रमना मारोति, नवीन नगर, कलमना बस्ती पांढाराबोडी़, संजय नगर, जयताला, टाकली सिम, सोनेगांव, चिंचभवन, कौशल्या नगर, बाबुलखेड़ा, न्यू कैलाश नगर, सावित्रीबाई फुले नगर बीड़ीपेठ, हजारी पहाड़, फुटाला बस्ती, सावित्रीबाई फुले नगर, कौशल्या नगर, बाबुलखेड़ा, वसंत नगर, छोटा-बड़ा ताजबाग, बाबा बुद्ध नगर, रानी दुर्गावती नगर, संजय गांधी नगर, पांचपावली, इंदोरा, बाराखोली, रिपब्लिकन नगर, माया नगर, मार्टिन नगर आदी बस्तियों से रुपए देकर कार्यकर्ताओं को प्रचार में इस्तेमाल किया जाता है।
प्रचार और बूथ के रेट
चुनावी पद यात्रा में पहले 200 दिए जाते थे। स्कूटर रैली में तय रोजी के अलावा पेट्रोल भी अलग से देना पड़ता है। पहले बूथ में अंदर और बाहर 1000 से 1200 रुपए, भोजन, चाश्ता अलग से लगता था। वर्तमान में महंगाई का हवाला देकर बुलावे पर आने वाले ऐसे कार्यकर्ताओं ने अपने भाव बढ़ा दिए हैं। इस बार पद यात्रा 400 से 500 रुपए प्रति दिन, स्कूटर रैली में अलग से पेट्रोल भी देना पड़ता है। मतदान के दिन बूथ के अंदर और बाहर 1500 से 2000 रुपए तक इस बार भाव लगभग तय हैं।
चाय, नाश्ता, भोजन और पेट्रोल भी चाहिए
स्लम बस्तियों का हाल भी मजदूरों के ठिये से अलग नहीं हैं। संवाददाता यहां पहुंचा और कुछ लोगों से बातचीत की। यह बात और है कि यहां संवाददाता ने थोड़ी और दरियादिली दिखाई और गृहिणी, मजदूरी करने वाली महिलाएं तथा पुरुषों को चाय, नाश्ता, भोजन के अलावा पेट्रोल देने का भी वचन दिया।