कथित हनी ट्रेप के शिकार युवक ने दी दुराचार की एफआईआर को चुनौती

कथित हनी ट्रेप के शिकार युवक ने दी दुराचार की एफआईआर को चुनौती

Bhaskar Hindi
Update: 2019-11-06 07:37 GMT
कथित हनी ट्रेप के शिकार युवक ने दी दुराचार की एफआईआर को चुनौती

डिजिटल डेस्क जबलपुर । कथित हनी ट्रेप के शिकार युवक ने अधारताल थाने में दर्ज हुए दुराचार के मामले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। युवक का दावा है कि पुलिस ने बदला लेने की नीयत से यह झूठा मामला दर्ज कराया है। इतना ही नहीं, जिस युवती के नाम से दुराचार का मामला उसके खिलाफ दर्ज हुआ, उसका हनी ट्रेप से संबंधित एक बड़ा नेटवर्क देश के चुनिन्दा मेट्रो शहरों में फैला हुआ है। जस्टिस विष्णु प्रताप सिंह चौहान ने मामले को संजीदगी से लेते हुए न सिर्फ युवती को नोटिस जारी किए, बल्कि अधारताल थाने में दर्ज मामले की केस डायरी पेश करने के भी निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 13 नवम्बर को
होगी।
 हिरासत में जमकर मारपीट की
अधारताल में रहने वाले युवक की ओर से दायर इस याचिका में आरोप है कि अधारताल पुलिस ने उसे एक मामले में गिरफ्तार किया और हिरासत में जमकर मारपीट की, जिससे याचिकाकर्ता के दोनों हाथ खराब हो गए। इसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने पहले हाईकोर्ट में रिट याचिका उसके बाद निचली अदालत में एक परिवाद दायर किया। याचिकाकर्ता द्वारा दायर किए जाने वाले मामलों में नाराज होकर अधारताल पुलिस ने दुराचार की एक झूठी एफआईआर उसके खिलाफ दर्ज कर ली। याचिकाकर्ता का दावा है कि जिस युवती के नाम से दुराचार की एफआईआर दर्ज की गई, वह पहले से ही संदिग्ध है। इससे पहले भी उसने वर्ष 2013 में कोतवाली थाने में एक व्यक्ति के खिलाफ दुराचार का मामला दर्ज तो दर्ज कराया, लेकिन बाद में एक बड़ी रकम लेकर वह कोर्ट में पक्षविरोधी (होस्टाईल) हो गई। याचिका में यह भी आरोप है कि मोटी रकम ऐंठने इस तरह के झूठे मामले दर्ज कराना युवती की फितरत में है। याचिका में दावा किया गया है कि शिकायत करने वाली युवती और याचिकाकर्ता के मोबाइल टावर की लोकेशन के साथ पूरी डिटेल्स निकलवाई जाए, ताकि यह साबित हो सके कि जिस तारीख को दुराचार होने की बात कही गई, उस दिन दोनों (याचिकाकर्ता व युवती) कहां थे। इतना ही नहीं, मोबाईल की कॉल डिटेल्स से साबित हो जाएगा कि किस-किस को युवती ने अपने जाल में फंसाया है। इन आधारों के साथ दायर याचिका में दुराचार के मामले को खारिज किए जाने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की गई है।
मामले पर हुई प्रारंभिक सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ओम शंकर पाण्डेय और राज्य सरकार की ओर से पैनल अधिवक्ता अशोक सिंह हाजिर हुए। सुनवाई के बाद अदालत ने युवती को नोटिस जारी करते हुए मामले की केस डायरी पेश करने के निर्देश दिए।

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