41 बार की चैंपियन मुंबई को मात देकर पहली बार जमाया रणजी ट्रॉफी पर कब्जा 

रणजी के नए रणवीर 41 बार की चैंपियन मुंबई को मात देकर पहली बार जमाया रणजी ट्रॉफी पर कब्जा 

Manuj Bhardwaj
Update: 2022-06-26 09:44 GMT
41 बार की चैंपियन मुंबई को मात देकर पहली बार जमाया रणजी ट्रॉफी पर कब्जा 
हाईलाइट
  • मध्य प्रदेश को जीत के लिए 108 रन का लक्ष्य मिला था

डिजिटल डेस्क, भोपाल। देश के सबसे प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट में मध्य प्रदेश ने इतिहास रच दिया है। बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम पर खेले गए फाइनल मुकाबले में मध्य प्रदेश ने 41 बार की चैंपियन मुंबई को छह विकेट से हराकर पहली बार खिताब जीत लिया है।

मैच के आखिरी दिन मुंबई की दूसरी पारी 269 रन के स्कोर पर सिमट गई थी, जिसके बाद मध्य प्रदेश को जीत के लिए 108 रन का लक्ष्य मिला, जिसे उसने चार विकेट खोकर हासिल कर लिया। पहली पारी में मुंबई ने 374 रन बनाए थे। जिसके जवाब में मध्यप्रदेश ने 536 रन बनाते हुए 162 रन की बढ़त हासिल की थी।

हालांकि, मध्य प्रदेश ने ट्रॉफी पर अपने हाथ पहली पारी के बाद ही जमा लिए थे। रणजी ट्रॉफी नियमों के मुताबिक, अगर फाइनल मुकाबला ड्रॉ होता है तो पहली पारी में बढ़त के आधार पर टीम विजेता बनती है, लेकिन मध्य प्रदेश की टीम इस बार इतने में खुश नहीं होने वालों में से नहीं थी और आखिरी दिन प्रदेश ने 6 विकेट से जीत हासिल कर अपने आपको इतिहास के पन्नों में दर्ज करा लिया।  

तीन बल्लेबाजों ने ठोके शतक 

मुंबई के खिलाफ मध्य प्रदेश ने एक चैंपियन टीम की तरह ही खेल दिखाया, जहां उसने हर डिपार्टमेंट में विपक्षी टीम से बेहतर प्रदर्शन दिखाया। फाइनल मे प्रदेश टीम की ओर से तीन बल्लेबाजों ने शतक जड़े, जिसमें यश दुबे (133 रन), शुभम शर्मा (116 रन) और रजत पाटीदार (122 रन) के नाम शामिल है। 

इस दौरान गेंदबाज भी पीछे नहीं रहे। गौरव यादव ने मैच में 6 विकेट लिए। कुमार कार्तिकेय के हाथ पांच सफलता लगी। 

मुख्यमंत्री शिवराज में खुशी से झूमे 

इस ऐतहासिक जीत के बाद मुख्यमंत्री शिवराज भी अपने इमोशंस नहीं रोक पाए और ट्वीट कर अपने खिलाड़ियों को बधाई दी। इसी के साथ उन्होंने यह ऐलान भी किया कि वह अपने विजेता जाबांजो का भव्य स्वागत करेंगे। 

अपने प्रदेश की टीम के इस ऐतहासिक प्रदर्शन पर लोगों ने भी सरहाना करते हुए खिलाड़ियों को बधाई दी।  

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