जबलपुर से मॉडल बनने निकलीं बहनें पहुंची भोपाल, ड्राइवर ने सूझबूझ से ऐसे बचाया

जबलपुर से मॉडल बनने निकलीं बहनें पहुंची भोपाल, ड्राइवर ने सूझबूझ से ऐसे बचाया

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-16 09:59 GMT
जबलपुर से मॉडल बनने निकलीं बहनें पहुंची भोपाल, ड्राइवर ने सूझबूझ से ऐसे बचाया

डिजिटल डेस्क, भोपाल। जबलपुर की दो बहनों को बुधवार रात भोपाल के एक ऑटो ड्राइवर ने पुलिस के हवाले कर दिया। दोनों बहनों की कहानी मॉडल बनने की थी। राजधानी की गोविंदपुरा पुलिस के अनुसार जबलपुर निवासी दोनों बहनें मॉडल बनने निकली थीं। भोपाल के आईएसबीटी बस स्टैंड पर दोनों ने होटल जाने के लिए ऑटो किया, लेकिन ऑटो चालक किशोर चौहान को शंका हुई तो वह दोनों को होटल ले जाने के बजाय गोविंपुरा पुलिस के पास ले पहुंचा। इसके बाद पुलिस ने दोनों से पूछताछ की। 

गोविंदपुरा पुलिस ने इनके माता-पिता की छानबीन की और इनसे पूछताछ की तो पता चला कि दोनों को जबलपुर के एक एनआरआई दंपती ने गोद लिया था। पुलिस ने एनआरआई दंपती को सूचना दी। इसके बाद भोपाल पहुंचे पिता को दोनों बच्चियों को सौंप दिया। 

बच्चियों को बचाने वाले ऑटो चालक और पुलिस के लिए उनकी मां ने एक चिट्ठी लिखकर धन्यवाद दिया। गोविंदपुरा पुलिस ने बताया बुधवार शाम करीब 7 बजे पिपलानी में रहने वाले ऑटो रिक्शा चालक किशोर चौहान दो बच्चियों को लेकर पुलिस थाने पहुंचे। दोनों भोपाल के किसी होटल में ठहरना चाह रही थीं। शंका होने के कारण मैं इन्हें थाने ले आया हूं।  

ऊर्जा डेस्क प्रभारी रामकुमार धुर्वे ने बताया कि बच्चियों को पहले बैठाकर दोस्तों की तरह बात की गई। उसके बाद उनके बारे में पूछा। काफी कोशिशों के बाद उन्होंने अपने बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वे घर से सोने के जेवर और नकद लेकर आई हैं। वे मुंबई जाना चाह रही थीं। उन्हें लगा कि मुंबई पहुंचकर वे मॉडल बनेगी, लेकिन बस में बैठकर भोपाल आ गईं। 

सोनिया ने बताया कि बच्चियों से उनके माता-पिता के बारे में जानकारी ली गई। रात को ही उनके पिता अनूप अग्रवाल से संपर्क किया गया। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी स्नेहा और वर्षा घर से गुस्से में निकल गई हैं। उनकी गुमशुदगी पुलिस थाने में भी दर्ज कराई है। पुलिस ने बच्चियों की उनसे बात भी करवाई। गुरुवार दोपहर तक अनूप अग्रवाल भोपाल आ गए। दोनों बेटियां घर से करीब 19 हजार रुपए नकद, सोने के जेवर और एटीएम कार्ड लेकर निकली थी। 

बचपन में गोद लिया था
अनूप ने बताया कि दोनों बच्चियों को बचपन में ही गोद में ले लिया था। बड़ी बेटी वर्षा जब पांच साल की थी, तब उन्होंने उसे मातृछाया जबलपुर से गोद लिया था। वहीं, छोटी बेटी स्नेहा को चार साल की उम्र में गोद में लिया था। वे अपनी बेटियों से बहुत प्यार करते हैं। पुलिस ने बच्चियों को अच्छे से समझाइश दी है। हमें उनसे कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने भी माना कि अब वे दोबारा बिना बताए कहीं नहीं जाएंगी।

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