इंडिया, ब्राजील इलेक्शन को देखते हुए फेसबुक कर रहा सिक्योरिटी फीचर्स को मजबूत
इंडिया, ब्राजील इलेक्शन को देखते हुए फेसबुक कर रहा सिक्योरिटी फीचर्स को मजबूत
डिजिटल डेस्क, वॉशिंगटन। यूजर्स के डाटा लीक होने का मामला सामने आने के बाद फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग भारत में आगामी चुनावों को देखते हुए सिक्योरिटी फीचर्स को मजबूत कर रहे है। "द न्यूयॉर्क टाइम्स" को दिए एक इंटरव्यू में जुकरबर्ग ने कहा, चुनावों को प्रभावित करने और न्यूज़ को मैनुपुलेट करने वाले फेक अकाउंट्स की पहचान के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल फेसबुक पर लाया गया है। साल 2017 में फ्रांस के चुनाव में पहली बार इस टूल का इस्तेमाल किया गया था।
AI टूल से डिसेबल किए फेक अकाउंट्स
मार्क जूकरबर्ग ने इंटरव्यू में कहा, "नये AI टूल को हमने 2016 के चुनाव के बाद बनाया था। मैं ऐसा मानता हूं कि करीब 30 हजार से ज्यादा फेक अकाउंट्स जो रूस से जुड़े थे वो ठीक अमेरिका में 2016 में हुए चुनाव की तरह ही रणनीति अख्तियार करना चाहते थे। लेकिन, हमने उन सभी को डिसएबल कर फ्रांस में बड़े पैमाने पर होनेवाली इस तरह की चीजों से बचा लिया।"
इंडिया-ब्राजील के चुनाव भी महत्वपूर्ण
उन्होंने कहा, हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि हम प्रणीली को और अधिक मजबूत बनाए। जुकरबर्ग ने कहा, हमारा ध्यान केवल अमेरिकी चुनाव तक नहीं है बल्कि इंडिया, ब्राजील में होने वाले चुनाव और इस साल होने वाले अन्य चुनावों पर भी हैं। ये सभी चुनाव हमारे लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, रूस जैसे देशों का चुनाव में हस्तक्षेप को कठिन बनाने के लिए फेसबुक को बहुत काम करने की आवश्यकता है ताकि ट्रोल और अन्य लोग फर्जी खबरें नहीं फैला सकें।
जुकरबर्ग ने अपनी पोस्ट में क्या लिखा?
बता दें कि बुधवार को मार्क जुकरबर्ग ने फेसबुक पर डाटा लीक होने की गलती को माना था। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि "कैम्ब्रिज एनालिटिका वाले मामले में मैं आपसे कुछ शेयर करना चाहता हूं। कंपनी ने इस मामले में अभी तक कई कदम उठाए हैं और आगे भी उठाएंगे। हमारे पास आपका डाटा प्रोटेक्ट करने की जि्मेदारी है और अगम हम ऐसा नहीं कर पाते हैं तो हम आपको सर्विस देने के लायक नहीं है। मैं ये समझने के लिए काम कर रहा हूं कि ये सब कैसा हुआ और इसे कैसे रोका जा सकता है। हालांकि हमने इसको लेकर पहले भी कई कदम उठाए हैं लेकिन हमसे कई गलतियां भी हुईं, जिनको लेकर काम किया जा रहा है।" उन्होंने ये भी लिखा कि हम अपनी गलतियों से सीखेंगे और फिर से आपका विश्वास जीतेंगे।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ब्रिटेन की एक पॉलिटिक कंसल्टेंसी फर्म "कैम्ब्रिज एनालिटिका" पर करीब 5 करोड़ फेसबुक यूजर्स का डाटा उनकी इजाजत के बिना यूज करने का आरोप लगा है। एक चैनल ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में इस बात का खुलासा किया है। चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में ये बात निकलकर आई कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने करोंड़ों फेसबुक यूजर्स के पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल किया। इसके साथ ही ये भी दावा किया गया है कि कंपनी ने 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इस डाटा का इस्तेमाल किया और ट्रंप को फायदा पहुंचाया। इसके लिए कंपनी ने एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया, जिससे लोगों के पॉलिटिकल इंटरेस्ट का अंदाजा लगाया जा सके। इस खबर के सामने आने के बाद के बाद फेसबुक को करीब 40 अरब डॉलर का नुकसान होने की बात कही जा रही है।