चीन के महत्वकांक्षी रोड-बेल्ट प्रोजेक्ट से मलेशिया ने खींचे हाथ

चीन के महत्वकांक्षी रोड-बेल्ट प्रोजेक्ट से मलेशिया ने खींचे हाथ

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-21 12:23 GMT
चीन के महत्वकांक्षी रोड-बेल्ट प्रोजेक्ट से मलेशिया ने खींचे हाथ
हाईलाइट
  • चीन की महत्वकांक्षी परियोजना वन बेल्ट
  • वन रोड से मलेशिया ने अपने हाथ पीछे खींच लिए है।
  • मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद का कहना है कि ये प्रोजेक्ट उनके देश के लिए फायदेमंद नहीं है।
  • मलेशिया
  • चीन के कर्ज के भार को न तो सह सकता है
  • न ही उस कर्ज को चुका सकता है।

डिजिटल डेस्क, बीजिंग। चीन की महत्वकांक्षी परियोजना वन बेल्ट, वन रोड से मलेशिया ने अपने हाथ पीछे खींच लिए है। इस प्रोजेक्ट के संबंध में मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद का कहना है कि चीन का वन बेल्ट, वन रोड प्रोजेक्ट उनके देश के लिए फायदेमंद नहीं है। मलेशिया, चीन के कर्ज के भार को न तो सह सकता है, न ही उस कर्ज को चुका सकता है। बता दें कि भारत सहित दुनिया के तमाम देशों को चीन के इस प्रोजेक्ट से आपत्ति है।

चीन के प्रोजेक्ट के तहत मलेशिया में 20 अरब डॉलर की मदद से ईस्ट कोस्ट रेल लिंक बनना था। साथ ही 2.3 अरब डॉलर खर्च कर दो एनर्जी पाइपलाइनें भी बनाई जानी थी। मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने कहा, इस प्रोजेक्ट की कॉस्ट काफी ज्यादा है। हम इस पैसे को अदा नहीं कर सकते और फिलहाल हमें मलेशिया में इन प्रोजेक्ट्स की जरूरत भी नहीं है। हालांकि महातिर ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भविष्य में ये प्रॉजेक्ट फिर से शुरू किए जा सकते हैं। पीएम ने कहा कि अभी मलेशिया का फोकस राष्ट्रीय कर्ज को कम करने का है। उन्होंने कहा कि यह बात खुद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को बताई और शी उनकी दलील को मान भी गए।

महाथिर मोहम्मद ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक ने जो फैसला किया था वो सरासर मुर्खता थी। इन प्रोजेक्ट्स से बाहर निकलने के लिए पेनल्टी के तौर पर अभी भी मलेशिया को पैसे देने पड़ेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि हमें यह भी जानना है कि इन प्रोजेक्ट्स के लिए अबतक दिए गए पैसों का क्या हुआ। उन्होंने कहा, कर्ज को चुकाना सरकार की पहली प्राथमिकता है। मालूम हो कि नजीब रजक को हराकर महातिर सत्ता में आए हैं। फिलहाल रजक पर भ्रष्टाचार के कई मामले चल रहे हैं।

वन बेल्ट-वन रोड प्रोजेक्ट के तहत चीन कई नए अंतरराष्ट्रीय रूट बनाना चाहता है इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 900 अरब डॉलर है। दक्षिण पूर्वी एशियाई कॉरिडोर के तहत चीन की परियोजना म्यांमार, वियतनाम, लाओस, थाइलैंड से गुजरती हुई इंडोनेशिया तक पहुंचेगी। इस प्रोजेक्ट में शामिल होने वाले देशों में ज्यादातर काम चीनी कंपनियां कर रही हैं। चीन का कर्ज लेकर अपना आधारभूत ढांचा खड़ा करने वाले देशों को कामकाज के दौरान चीनी कंपनियों को भुगतान करना होगा। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद उन्हें चीन को भी कर्ज लौटाना होगा।

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