रिसर्च: कम सैलरी पर काम करने वाले लोग होते हैं ज्यादा बीमार

रिसर्च: कम सैलरी पर काम करने वाले लोग होते हैं ज्यादा बीमार

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-20 09:57 GMT
रिसर्च: कम सैलरी पर काम करने वाले लोग होते हैं ज्यादा बीमार

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अक्सर देखने में आता है कि ऑफिस में काम करने वाले लोग ज्यादा बीमार रहते हैं। इसका कारण यह नहीं है कि वर्क लोड के कारण वे बीमार हो गए हैं। बल्कि उसका कारण कुछ दूसरा ही है। ब्रिटेन में मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च की है जिसमें सामने आया है कि बेरोजगार लोगों के मुकाबले ऐसे लोग ज्यादा बीमार रहते हैं जो कम सैलरी पर काम करते हैं। बता दें कि यह अध्ययन इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एपिडेमायलॉजी में प्रकाशित हुआ है। 

 
साल 2009 से 2010 में हुए एक शोध के दौरान 35 से 75 साल की आयु के एक हजार बेरोजगार लोगों पर अध्ययन किया गया। रिसर्च में इन लोगों के स्वास्थ्य और हार्मोन्स पर दिखने वाले तनाव के स्तर पर जांच की गई। जिससे साफ हुआ कि वे लोग जो बेरोजगार हैं कम बीमार पड़ते हैं। वहीं ऐसे लोग जो कम सैलरी पर काम कर रहे हैं ज्यादा बीमार पड़ते हैं। मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तरानी चंदोला समेत कई शोधकर्ताओं ने पाया कि खराब गुणवत्ता का काम करने वाले वयस्कों में उच्च तनाव स्तर पाया गया।


वहीं जो लोग बेरोजगार थे उनमें तनाव का स्तर कम था। शोधकर्ताओं के अनुसार, अच्छी नौकरी करने वाले वयस्कों में बायोमार्कर का कम स्तर पाया गया। वहीं बेरोजगार लोगों के मुकाबले अच्छी सैलरी पर नौकरी करने वाले लोगों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हुआ। इस रिसर्च के अनुसार, कर्मचारियों को स्वस्थ्य रखना चाहते हैं तो उन्हें सैलरी पैकेज ठीक थे। 

कंपनियों के लिए ये जानना जरूरी है कि जब आपका कर्मचारी बीमार नहीं होगा तो परफार्मेंस अच्छी देगा, मेंटली रुप से स्वस्थ्य कर्मचारी कंपनी के लिए काम भी अधिक करेगा। शोधकर्ताओं के अनुसार लगातार कम सैलरी पर काम कराने से कर्मचारी वह गुणवत्ता नहीं दे पाता है जो वह एक औसत सैलरी पर काम करता तो देता। 

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