हत्यारी बाघिन को पकड़ने लाए थे हाथी, उसी ने महिला को पटककर मार डाला

हत्यारी बाघिन को पकड़ने लाए थे हाथी, उसी ने महिला को पटककर मार डाला

Anita Peddulwar
Update: 2018-10-03 05:30 GMT
हाईलाइट
  • बुधवार को चहांद गांव में हाथी ने हमला किया
  • बाघिन को पकड़ने के लिए लाया गया था हाथी
  • सामने आने पर एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया

 डिजिटल डेस्क, रालेगांव (यवतमाल)। नरभक्षी बाघिन को पकड़ने के लिए जिस हाथी को लाया गया था, उसने ही हमला कर एक महिला को मौत के घाट उतार दिया। घटना यवतमाल जिले के रालेगांव परिसर की है। यहां अपने दो शावकों के साथ घूम रही एक बाघिन ने काफी समय से आतंक मचा रखा है, जिसे पकड़ने के लिए हाथी की जरूरत थी। इसके बाद एक हाथी को यवतमाल फॉरेस्ट रेंज में लया गया। बुधवार को चहांद गांव में हाथी बेकाबू हो गया और उसने हमला कर दिया, जिससे एक महिला की मौत हो गई। महिला का नाम अर्चना मोरेश्वर कुलसंगे (30) बताया जा रहा है। हाथी ने महिला को इतनी जोर से पटका था कि उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। महिला पर हमला करने के बाद बेकाबू हाथी ने गांव की तरफ भागने की कोशिश की, जिससे सामने आने पर एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। हालांकि, वाडनेर गांव के पास वनविभाग ने हाथी को कब्जे में ले लिया। बता दें कि बाघिन को पकड़ने के लिए तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। पहले से ही बाघिन की मौजूदगी से परेशान गांव वालों को हाथी के कारण भी परेशान होना पड़ा।

 

दो शावकों के साथ घूम रही है बाघिन

बता दें कि विभाग के मिशन टी 1 के तहत हाथी को यवतमाल के फारेस्ट रेंज में लाया गया है। इसी रेंज में नरभक्षी बाघिन अपने दो शावकों के साथ घूम रही है। नरभक्षी बाघिन  के हमले में अब तक14 लोगों की मौत हो चुकी है। नरभक्षी बाघिन का खात्मा करने के लिए लाया गया हाथी बुधवार की सुबह चहांद गांव में घुस गया, वहां एक घर की दीवार तोड़कर घर में काम कर रही महिला पर हमला कर दिया। बेकाबू हाथी का रूप देखकर गांव के लोगों का पसीना छूट गया।

 

जंगल से 30 किलोमीटर दूर गांव में आया हाथी

बताया जाता है कि जंगल और गांव के बीच 30 किलोमीटर की दूरी है। बेकाबू हाथी 30 कि.मी तक दौड़कर गांव में घुसा और आतंक मचाया। भागते हुए हाथी की चपेट में आने से अन्य एक व्यक्ति भी घायल हो गया। हाथी जंगल में रात से नहीं था फिर भी वन विभाग के कर्मचारियों ने उस पर ध्यान नहीं दिया। वनविभाग की कार्यप्रणाली को लेकर ग्रामीणों ने सवाल उठाए हैं। वनविभाग की घोर लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। मिशन टी 1 पर लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी बाद भी उसे पकड़ा नहीं गया है।

Similar News