अफजल गुरु के बेटे को 12th में मिले 88%, 10th में भी किया था टॉप

अफजल गुरु के बेटे को 12th में मिले 88%, 10th में भी किया था टॉप

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-11 09:20 GMT
अफजल गुरु के बेटे को 12th में मिले 88%, 10th में भी किया था टॉप

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 2001 में संसद भवन के हमले में दोषी ठहराए गए आतंकी अफजल गुरू के बेटे गालिब गुरू ने 12वीं पास कर ली है। गालिब को 12वीं में 88% हासिल किए। जम्मू-कश्मीर बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (JKBOSE) के रिजल्ट गुरुवार को घोषित किए गए। गालिब ने 12वीं के बोर्ड एग्जाम में 500 में से 441 नंबर हासिल किए। बता दें कि गालिब ने 10वीं में 95% हासिल किए थे।


किस सब्जेक्ट में कितने नंबर? 

अफजल गुरू के बेटे गालिब गुरू ने 12वीं के बोर्ड एग्जाम में 500 में से 441 नंबर हासिल किए। गालिब को एनवायरमेंटल साइंस में 94, बायोलॉजी में 85, केमिस्ट्री में 89, फिजिक्स में 87 और जनरल इंग्लिश में 86 नंबर मिले हैं।



डॉक्टर बनना चाहता है गालिब

गालिब का सपना है कि वो बड़ा होकर डॉक्टर बने। गालिब ने कहा था कि वो हेल्थ में अपना करियर बनाना चाहता है। 12वीं में 88% आने के बाद गालिब ने कहा कि "मैं हेल्थ एजुकेशन में पढ़ाई कर डॉक्टर बनना चाहता हूं। मेरे माता-पिता का भी यही सपना है और मैं इस सपने को पूरा करने की पूरी कोशिश करूंगा।"

10वीं भी था टॉपर

गालिब इससे पहले 10वीं क्लास में भी टॉपर रह चुका है। 2016 में गालिब ने 10वीं के बोर्ड एग्जाम दिए थे और इसमें उसे 94.6% हासिल हुए थे। गालिब को सभी सब्जेक्ट में A ग्रेड मिले थे। गालिब ने 10वीं में साइंस, उर्दू, इंग्लिश, मैथ्स और सोशल साइंस से एग्जाम दिए थे और सभी सब्जेक्ट में गालिब को 10 में से 10 ग्रेड मिले थे।

कब हुआ था संसद हमला? 

संसद हमला 13 दिसंबर 2001 को हुआ था। उस दिन 5 आतंकवादी सफेद एंबेसडर कार में सवार होकर संसद भवन में तेजी से घुसे और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी थी। इस हमले में पुलिस जवान समेत 9 लोग शहीद हो गए थे। इस हमले में पांचों आतंकियों को मार दिया गया था। लोकतंत्र के मंदिर पर हुए हमले के मामले में 4 और लोगों को गिरफ्तार किया गया। बाद में 16 दिसंबर 2002 को इन सभी लोगों को दिल्ली की पोटा कोर्ट ने दोषी करार दिया। इन आतंकियों के नाम थे- मोहम्मद अफजल (अफजल गुरू), शौकत हुसैन, अफसान और प्रोफेसर सैयद अब्दुल रहमान गिलानी। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने रहमान गिलानी और अफसान को बरी कर दिया, लेकिन अफजल गुरू की मौत की सजा को बरकरार रखा। शौकत हुसैन की मौत की सजा को भी घटा दिया और 10 साल की सजा का फैसला सुनाया।

8 फरवरी 2013 को अफजल को दी थी फांसी

संसद हमले का मास्टर माइंड अफजल गुरू था और कोर्ट ने उसकी मौत की सजा को बरकरार रखा। अफजल को पहले 20 अक्टूबर 2006 को फांसी पर लटकाना था, लेकिन उसकी पत्नी तबस्सुम ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की। काफी वक्त के लिए अफजल की फांसी अटक गई। आखिरकार तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उसकी पत्नी की दया याचिका को खारिज कर दिया और 8 फरवरी 2013 को अफजल गुरू को दिल्ली की तिहाड़ जेल में सुबह 8 बजे फांसी पर लटका दिया गया। 

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