अयोध्या केस : रविशंकर को मध्यस्थ बनाए जाने पर ओवैसी ने जताई आपत्ति

अयोध्या केस : रविशंकर को मध्यस्थ बनाए जाने पर ओवैसी ने जताई आपत्ति

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-08 09:36 GMT
अयोध्या केस : रविशंकर को मध्यस्थ बनाए जाने पर ओवैसी ने जताई आपत्ति

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अयोध्या भूमि विवाद में आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर को मध्यस्थ बनाए जाने पर असदुद्दीन ओवैसी ने आपत्ति जताई है। दरअसल अयोध्या भूमि विवाद को हल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थता का रास्ता अपनाने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने समझौते के लिए रिटायर्ड जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्लाह की अगुवाई में तीन सदस्यीय मध्यस्थता कमेटी गठित की है। कमेटी में श्रीश्री रविशंकर और श्रीराम पंचू शामिल हैं। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने श्री श्री रविशंकर को मध्यस्थ बनाए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा, श्री श्री रविशंकर को सुप्रीम कोर्ट ने मध्यस्थ बनाया है लेकिन उनका पहले का एक बयान सबके सामने है जिसमें वह कहते हैं कि अगर मुसलमान अयोध्या पर अपना दावा नहीं छोड़ते हैं तो भारत सीरिया बन जाएगा।

 


"श्री श्री रविशंकर को रहना होना न्यूट्रल"
ओवैसी ने ये भी कहा कि, बेहतर होता कि सुप्रीम कोर्ट ने किसी न्यूट्रल व्यक्ति को मध्यस्थ बनाया होता। उन्होंने कहा, श्री श्री रविशंकर का 4 नवंबर 2018 का ऑन रिकॉर्ड स्टेटमेट हैं, जिसमें वह सीरिया बनने की मुसलमानों को धमकी दे रहे हैं। उन्होंने कहा अब सुप्रीम कोर्ट ने श्री श्री रविशंकर को मध्यस्थ बनाया है तो उन्हें न्यूट्रल रहना होगा। 

 


"उम्मीद है कि ओवैसी अपनी जिम्मेदारी समझेंगे" 
ओवैसी ने कहा, मेरी पार्टी का स्टैंड यह है कि, एक मध्यस्थ का विवादित बयान है तो उसे मध्यस्थ नहीं बनाया जाना चाहिए था। लेकिन अब हम उम्मीद करते हैं कि श्री श्री रविशंकर अपने पुराने बयान को अपने दिमाग से निकाल देंगे और अपनी जिम्मेदारियों को समझेंगे। वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के किसी सदस्य को मध्यस्थ नहीं बनाए जाने के सवाल पर ओवैसी ने कहा, यह सुप्रीम कोर्ट का अधिकार है वह किसे मध्यस्थ बनाता है। 

 


हमारा लक्ष्य संघर्ष समाप्त करना है- श्री श्री
हालांकि कोर्ट के फैसले पर श्री श्री रविशंकर ने कहा कि, सदियों से जारी संघर्ष को समाप्त करना ही हमरा लक्ष्य होना चाहिए। रविशंकर ने ट्वीट कर कहा, "सबका सम्मान करना, सपनों को साकार करना, सदियों के संघर्ष का सुखांत करना और समाज में समरसता बनाए रखना- इस लक्ष्य की ओर सबको चलना है।"

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