लोकसभा में 27 को पेश होगा ट्रिपल तलाक बिल, बीजेपी ने सांसदों को जारी किया व्हिप

लोकसभा में 27 को पेश होगा ट्रिपल तलाक बिल, बीजेपी ने सांसदों को जारी किया व्हिप

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-25 18:35 GMT
लोकसभा में 27 को पेश होगा ट्रिपल तलाक बिल, बीजेपी ने सांसदों को जारी किया व्हिप
हाईलाइट
  • 27 दिसंबर को इस बिल पर लोकसभा में बहस होगी।
  • मंगलवार को बीजेपी ने अपने सभी लोकसभा सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है।
  • लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार चाहती है कि तीन तलाक का लंबित बिल पास हो जाए।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार चाहती है कि तीन तलाक का लंबित बिल पास हो जाए। ऐसे में मंगलवार को बीजेपी ने अपने सभी लोकसभा सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी कर 27 दिसंबर को पूरे दिन सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा है। तीन तलाक पर रोक संबंधी बिल पर बहस के लिए सरकार और विपक्ष में सहमति बन गई है। 27 दिसंबर को इस बिल पर लोकसभा में बहस होगी।

ट्रिपल तलाक को लेकर सितंबर में जारी किए गए अध्यादेश को बदलने के लिए 17 दिसंबर को लोकसभा में नया बिल लाया गया है। अध्यादेश में लाए गए संशोधनों को स्थायी कानून बनाने के लिए सरकार नए सिरे से इस बिल को लेकर आई है। प्रस्तावित कानून में  ट्रिपल तलाक को दंडनीय अपराध माना गया है। इस कानून के बनने के बाद ट्रिपल तलाक देना अवैध और शून्य हो जाएगा। इतना ही नहीं तलाक देने वाले पति को तीन साल की जेल भी होगी। बता दें कि एक अध्यादेश 6 महीनों के लिए ही वैद्य होता है, लेकिन सरकार इससे पहले ही नया बिल लेकर आ गई है। अब सरकार के बाद 42 दिनों (छह हफ्ते) का वक्त है। अगर इस समय में ये बिल पास नहीं हो पाता है तो फिर सरकार के पास दोबारा इस अध्यादेश को लागू करने करने की छूट होगी।

इससे पहले भी लोकसभा में ट्रिपल तलाक का बिल पास हो चुका था, लेकिन, विपक्ष की आपत्तियों के बाद यह राज्यसभा में अटक गया था। विपक्ष चाहता था कि इस बिल में कुछ संशोधन हो। इसके बाद सरकार ने विपक्ष की बात मानते हुए कुछ संशोधन किए भी थे जिसमें जमानत के प्रावधान को भी शामिल किया गया था। बावजूद इसके राजयसभा में ये बिल पास नहीं हो सका था जिसके बाद सरकार को सितंबर में अध्यादेश लाना पड़ा।

नए बिल में सरकार ने जो बदलाव किए गए है उसमें FIR तभी दर्ज की जाएगी जब पत्नी या कोई नजदीकी रिश्देदार इसकी शिकायत करें। विपक्ष की आपत्ति के बाद बिल में ये भी संशोधन किया गया है कि पति और पत्नी के बीच उचित टर्म मैजिस्ट्रेट समझौता कर सकते हैं। इसके अलावा ट्रिपल तलाक गैर जमानती अपराध तो बना रहेगा, लेकिन मजिस्ट्रेट चाहे तो इसमें जमानत दे सकता है। हालांकि इससे पहले पत्नी की सुनवाई करनी होगी। 

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