भाजपा नेता घरों में नेटफ्लिक्स देख रहे और प्रवासी संकट का आरोप हम पर लगा रहे : राघव चड्ढा (आईएएनएस साक्षात्कार)

भाजपा नेता घरों में नेटफ्लिक्स देख रहे और प्रवासी संकट का आरोप हम पर लगा रहे : राघव चड्ढा (आईएएनएस साक्षात्कार)

IANS News
Update: 2020-05-19 17:01 GMT
भाजपा नेता घरों में नेटफ्लिक्स देख रहे और प्रवासी संकट का आरोप हम पर लगा रहे : राघव चड्ढा (आईएएनएस साक्षात्कार)

नई दिल्ली, 19 मई (आईएएनएस)। ऐसे समय में जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रीय राजधानी में प्रवासी कामगारों के संकट के लिए आम आदमी पार्टी (आप) को जिम्मेदार ठहरा रही है, आप के विधायक और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने भगवा पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, कोई भी भाजपा नेता जमीन पर नहीं है, वे अपने घरों में नेटफ्लिक्स देखने में व्यस्त हैं।

दिल्ली के राजेंद्र नगर से आप विधायक चड्ढा ने आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि भाजपा नेता अपने घरों में वातानुकूलित कमरों में बैठे हैं और लूडो खेल रहे हैं, नेटफ्लिक्स देख रहे हैं या सोशल मीडिया पर वीडियो साझा कर रहे हैं।

राघव से खास बातचीत के खास अंश :

प्रश्न : विपक्ष बार-बार कहता रहा है कि प्रवासियों का संकट आप सरकार की सबसे बड़ी विफलताओं में से एक है। आपकी क्या प्रतिक्रिया है?

उत्तर: यह राजनीति करने का समय नहीं है। दुख होता है जब विपक्षी नेता, जो अपने वातानुकूलित कमरों से बाहर भी नहीं निकलते हैं और अपना समय नेटफ्लिक्स पर बिताते हैं, ऐसी टिप्पणी करते हैं। भारत में प्रवासियों के संकट के लिए जिम्मेदार भाजपा के लोग हैं।

यह संकट सिर्फ दिल्ली तक ही सीमित नहीं है, बल्कि प्रवासी अन्य सभी राज्यों से भी जा रहे हैं, क्योंकि केंद्र सरकार ने उनकी दुर्दशा के बारे में नहीं सोचा। यह उनका सुस्त रवैया हो सकता है कि उन्होंने प्रवासियों को घर वापस भेजने के तरीकों का पता लगाने की कोशिश नहीं की। यही कारण है कि वे इस तरह की कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं।

यहां मेरा एकमात्र सवाल यह है कि अगर आप विदेश में फंसे अमीर एनआरआई को वापस लाने के लिए विमान भेज सकते हैं, तो इन गरीब प्रवासियों को अपने गृहनगर तक पहुंचने में मदद करने के लिए बसों या ट्रेनों का इंतजाम क्यों नहीं किया जा सकता?

प्रश्न: गर्मी अपने चरम पर पहुंचने ही वाली है। इसे देखते हुए दिल्ली जल बोर्ड ने कोविड-19 के प्रकोप के बीच पानी की आपूर्ति की समस्याओं से निपटने की योजना कैसे बनाई है?

उत्तर: हां, यह निश्चित रूप से एक चुनौती है। विशेष रूप से यह देखते हुए कि हम एक स्वास्थ्य संकट से भी निपट रहे हैं। पानी आवश्यक है और हम इसकी बेहतर आपूर्ति की दिशा में काम कर रहे हैं। हमने गर्मियों की कार्य योजना तैयार की है और इसे कुछ दिन पहले जारी किया है। यह हमारी आपूर्ति योजनाओं को रेखांकित करती है। यह समस्याग्रस्त क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति के बारे में भी बात करती है, जिसमें भूजल स्तर को रिचार्ज करने और पानी के जलाशय बनाने की हमारी योजना शामिल है। इसमें कम आपूर्ति का सामना करने वाले क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति करने के लिए टैंकर आवंटित करने की योजना भी शामिल है।

प्रश्न: लंबे ठहराव के बाद दिल्ली में फिर से आर्थिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं। आपको क्या लगता है, दिल्ली सरकार को घाटे से उबरने में कितना समय लगेगा और यह कैसे किया जाएगा?

उत्तर: नुकसान सभी को हुआ है। एक नौकरीपेशा से लेकर अपना व्यवसाय चलाने वाले व्यक्ति तक, हर किसी पर मार पड़ी है। इसी तरह सरकार को भी नुकसान हुआ है। बंद की वजह से सभी आर्थिक गतिविधियां बंद थीं। अब धीरे-धीरे दिल्ली अर्थव्यवस्था पर अपनी पकड़ वापस पाने लगी है।

अगर हम राजस्व को देखें तो हमें अप्रैल में 4,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने वाला था, जिसका उपयोग दिल्ली जल बोर्ड द्वारा अपनी सेवाओं के लिए, श्रमिकों, पैरामेडिक्स और अन्य को वेतन देने के लिए किया जाना था। सरकार को भारी नुकसान हुआ, क्योंकि राजस्व केवल 400 करोड़ रुपये रहा। हमें यह भी उम्मीद है कि आर्थिक संकट से निपटने के लिए हमें केंद्र सरकार से किसी प्रकार की वित्तीय सहायता मिलेगी।

प्रश्न : अब अर्थव्यवस्था खुलने लगी है तो लोग सामाजिक दूरी से संबंधित मानदंडों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। दिल्ली सरकार ने इस स्थिति से किस प्रकार निपटने की योजना बनाई है?

उत्तर: कोरोनावायरस से सुरक्षित रहना लोगों के हाथ में है। अगर आप मास्क पहने रहें, सामाजिक दूरी के मानदंडों को बनाए रखें और अपने हाथों को नियमित रूप से धोते रहें तो आप वायरस से लड़ सकते हैं। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप अपने स्वयं के स्वास्थ्य को खतरे में डाल देंगे। लेकिन हमें नागरिकों या दिल्ली पर पूरा भरोसा है, जिन्होंने पिछले साल डेंगू के खिलाफ लड़ाई जीतने में सरकार की मदद की। हम प्रार्थना करते हैं और मानते हैं कि दिल्ली के लोग सरकार द्वारा जारी किए गए सभी सुरक्षा उपायों का पालन करके अपना योगदान देंगे।

प्रश्न: दिल्ली के बाहर फंसे छात्रों को वापस लाने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? इसके अलावा दिल्ली जल बोर्ड द्वारा किए गए उपाय कितने प्रासंगिक हैं?

उत्तर: सबसे पहले तो यह कहना चाहूंगा कि बजट का गर्मियों की कार्य योजना से कोई लेना-देना नहीं है। पानी के संयंत्र, बड़ी परियोजनाएं, मशीनरी खरीदने और छोटी कॉलोनियों में आपूर्ति पाईप लगाने के लिए फंड की आवश्यकता होती है। योजना हर गर्मियों में तैयार की जाती है, लेकिन इस बार इसे कुछ खास तरह के कामों के साथ जारी किया गया है, क्योंकि ये सामान्य समय नहीं हैं। यह देखते हुए कि गर्मी का समय है और शहर एक महामारी की चपेट में है, अधिक से अधिक लोग घर के अंदर रह रहे हैं। सरकार पानी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रही है।

जहां तक छात्रों का संबंध है, चूंकि लॉकडाउन लागू किया गया है, इसलिए अंतर-राज्यीय यात्रा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। केंद्र सरकार ने बाद में दिशानिर्देश जारी किए, जिसके तहत हम लोगों को उनके राज्यों में वापस भेज सकते थे। हमने छात्रों को दिल्ली वापस लाने के लिए कोटा बसें भेजीं। हम उनमें से अधिक से अधिक छात्रों को वापस लाने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं।

बात यह है कि जिन राज्यों में वे फंसे हुए हैं, उन्हें भी अपनी सीमाओं को पार करने की अनुमति देनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो एक समस्या सामने आती है। मैं पूछना चाहता हूं कि अब भाजपा के नेता कहां हैं? आप के सभी नेता लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए मैदान में हैं। लेकिन उनके नेता कहीं भी नहीं दिख रहे हैं।

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