चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव का घमासान

चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव का घमासान

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-24 05:34 GMT
चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव का घमासान

डिजिटल डेस्क,भोपाल। चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव को लेकर बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अपनी मजबूती के लिए लगी हुई है। भाजपा जहां सीट पर कब्जा जमाने की कोशिश में है तो वहीं कांग्रेस अपनी सीट को बरकरार रखने के लिए रणनीति बना रही है। दोनों ही दल निकाय चुनाव में भी अपनी पूरी ताकत झोंकने में लगे हैं।

दरअसल कांग्रेस विधायक प्रेमसिंह के निधन के कारण सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा में उपचुनाव होने हैं। चित्रकूट विधानसभा सीट पर होने वाले महासंग्राम के लिए दोनों ही प्रमुख राजनैतिक दल भाजपा और कांग्रेस अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। किसान आंदोलन के बाद बैकफुट पर आई भाजपा इस सीट को जीतकर यह संदेश देना चाहती है कि लोगों के बीच उसकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। वहीं कांग्रेस के सामने यह सीट बचाने की चुनौती है।

निकाय चुनाव में शक्ति प्रदर्शन
चित्रकूट विधानसभा उप चुनाव से पूर्व भाजपा-कांग्रेस निकाय चुनाव के माध्यम से एक दूसरे की शक्ति तोलने का प्रयास कर रहे हैं। निकाय चुनाव में इस बार कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि वह भाजपा को हर स्थान पर कड़ी चुनौती देगी। इसी हिसाब से वह अपनी रणनीति को आगे बढ़ा रही है। वहीं सत्तारूढ़ भाजपा किसान आंदोलन से काफी सहमी हुई है। प्रत्याशियों के चयन के बाद अन्य दावेदारों के विरोध ने उसकी चिंता और बढ़ा दी है।

कार्यसमिति की बैठक में छाया रहा निकाय चुनाव
शनिवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में हुई प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में भी निकाय चुनाव छाया रहा। बैठक में संगठन महामंत्री सुहास भगत ने कहा कि हम पर जितने भी सवाल उठ रहे हैं, उन सभी का एक ही जवाब है, नगरीय निकायों में जीत। यह कथन स्वयं यह दर्शाता है कि पार्टी के लिए निकाय चुनाव में जीत कितनी अहम है। इन परिस्थितियों के चलते सत्ताधारी दल इस चुनाव में अपना सब कुछ झोंक देगा। साथ ही ऐसी कोई चूक नहीं करना चाहेगा जो उसके लिए आत्मघाती हो।

कमलनाथ और सिंधिया भी सक्रिय
निकाय चुनाव में पार्टी के सभी दिग्गज सक्रिय होंगे। प्रदेश में किसान आंदोलन के बाद नेताओं में आई सक्रियता को कांग्रेस के लिए शुभ संकेत बताया जा रहा है। दिग्गजों की यह सक्रियता इस चुनाव में भी देखने को मिलेगी। पार्टी के दिग्गज नेता कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया इस चुनाव के लिए अपने टूटे प्रोग्राम को अंतिम स्वरूप देने में लगे हैं।

हार्दिक और कक्काजी पर विशेष नजर
निकाय चुनाव फतह करने के लिए जुटी भाजपा को कांग्रेस से ज्यादा भय हार्दिक पटेल तथा किसान नेता कक्काजी का सता रहा है। हार्दिक पटेल लगातार मंदसौर तथा आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय हैं। 22 जुलाई को भी हार्दिक 22 कारों के काफिले के साथ किसान महापंचायत में भाग लेने के लिए शाजापुर पहुंचे थे। वहीं किसान नेता शिवकुमार शर्मा उर्फ कक्काजी राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के बैनर तले लगातार सक्रिय हैं।

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