जालौन के डीएम और एसडीएम पर गिरी सीएम योगी की जांच की तलवार

जालौन के डीएम और एसडीएम पर गिरी सीएम योगी की जांच की तलवार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-11 05:06 GMT
जालौन के डीएम और एसडीएम पर गिरी सीएम योगी की जांच की तलवार

डिजिटल डेस्क, जालौन। चारा घोटाले में बिरसा मुंडा जेल में बंद लालू यादव की पैरवी के लिए फोन करने वाले यूपी के जालौन के डीएम और एसडीएम जांच के घेरे में आ गए हैं। डीएम मन्नान अख्तर के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मीडिया में ऐसी खबरें आने के बाद नाराजगी जताई है। उन्होंने झांसी के कमिश्नर अमित गुप्ता को इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। कमिश्नर से दो दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है। 

 

जालौन के डीएम मन्नान अख्तर पर आरोप है कि उन्होंने लालू यादव की सजा कम करने के लिए जज शिवपाल सिंह को फोन किया था। उनके साथ ही जालौन के एसडीएम भैरपाल सिंह पर भी जज को फोन कर सिफारिश करने का आरोप है। हालांकि जज ने उनकी बात अनसुनी कर दी थी। दरअसल, जज शिवपाल सिंह जालौन के शेखपुर खुर्द गांव के ही रहने वाले हैं। कुछ समय पहले जज शिवपाल सिंह यहां के जिला प्रशासन से अपनी कब्जा हुई जमीन को वापस दिलाने के लिए कह रहे थे। उस समय यह बात काफी चर्चा में थी कि जज से कह दिया गया कि आप झारखंड में जज हैं न, आप कानून पढ़कर आएं।

 

वहीं इस मामले में जालौन डीएम डॉ. मन्नान अख्तर ने सफाई दी है कि उन्होंने किसी को फोन नहीं किया और ना ही इस प्रकरण में कोई बात की। मन्नान अख्तर ने हालांकि जज को फोन करने के अपने ऊपर लगे आरोप को सिरे से नकार दिया। डीएम ने कहा कि वह असम के रहने वाले हैं, उनका न तो झारखंड न ही बिहार या वहां की राजनीति से कोई लेना-देना है। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि जिसने भी इस तरह की खबर दी है, वह पहले इसका सबूत पेश करें। 

 

 

झांसी के कमिश्नर अमित गुप्ता ने कहा कि उन्हें अभी कोई लिखित आदेश नहीं मिला है, पर सूचना मिल गई है कि इस मामले की जांच करनी है। आदेश मिलने के बाद ही वह इस मामले में कोई कुछ भी कह सकेंगे। बता दें कि कई बड़ी-बड़ी हस्तियों ने भी लालू यादव को जेल से बरी करने करने की सिफारिश की थी।

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