भारत के स्कूलों में पढ़ने वाला हर तीसरा स्टूडेंट 'अनसेफ': रिपोर्ट

भारत के स्कूलों में पढ़ने वाला हर तीसरा स्टूडेंट 'अनसेफ': रिपोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-09 10:53 GMT
भारत के स्कूलों में पढ़ने वाला हर तीसरा स्टूडेंट 'अनसेफ': रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में एक 7 साल के बच्चे की हत्या के बाद से एक बार फिर से स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। गुरूग्राम के इस स्कूल में शुक्रवार को सेकंड क्लास में पढ़ने वाले प्रद्युम्न ठाकुर की कंडक्टर ने चाकू से गोदकर हत्या कर दी, जिसके बाद आरोपी कंडक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन इस घटना के बाद से सबसे बड़ा सवाल जो उठ रहा है, वो ये है कि "क्या अब स्कूलों में भी बच्चे सेफ नहीं है?"

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स्कूल में बच्चों की सेफ्टी को लेकर फरवरी में एक रिपोर्ट पेश की गई थी, जिसमें कहा गया था कि भारत के स्कूलों में पढ़ने वाला हर तीसरा स्टूडेंट अनसेफ फील करता है। प्रद्युम्न की मौत ने इस रिपोर्ट को साबित कर दिया कि इस रिपोर्ट में जो कुछ कहा गया है, वो गलत नहीं है। ये कोई पहली घटना नहीं है जब स्कूल में किसी बच्चे के साथ इस तरह की हरकर हुई है। इससे पहले भी कई बार ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के साथ स्कूल में ही काम करने वाले किसी टीचर या कर्मचारी ने बच्चे के साथ गलत हरकत या यौन शोषण करने की कोशिश की।

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 क्या कहा गया था रिपोर्ट में ? 
इंटरनेशनल ग्रुप "चाइल्ड फंड अलायंस" ने फरवरी में "स्मॉल वॉयस, बिग ड्रीम्स" नाम की रिपोर्ट को जारी किया था, जिसमें उसने बताया था कि भारत के स्कूल में पढ़ने वाला हर तीसरा स्टूडेंट अनसेफ फील करता है। इस रिसर्च में चाइल्ड फंड अलायंस ने भारत समेत 41 देशों को शामिल किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, स्कूली बच्चों को इसलिए अनसेफ फील होता है क्योंकि उन्हें ये नहीं पता होता कि अनजान लोगों से कैसे बचा जाए, उनसे कैसे बात की जाए? इसके साथ ही टॉयलेट की कमी की वजह से भी बच्चे अनसेफ फील करते हैं। 

इस रिपोर्ट में कहा गया था कि ज्यादातर बच्चे उस जगह से आते हैं, जहां पर उनकी सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिए कोई सही इंतजाम नहीं है। आमतौर पर बच्चों को यही नहीं पता होता कि उन्हें अनजान लोगों से कैसे बचना है? ज्यादातर बच्चों को अपने आस-पास के लोगों से ही डर लगता है। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में 46% बच्चे अपने आसपास के लोगों से ही अनसेफ फील करते हैं। 

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बच्चों की सिक्योरिटी के लिए बने कई कानून
1997 में दिल्ली में एक स्कूली बस ब्रिज के ऊपर से गिर गई थी। इस हादसे में 28 बच्चों की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्कूली बस को लेकर गाइडलाइंस जारी की थी। इसके अलावा जुवेनाइल जस्टिस एक्ट (2003), राइट टू एजुकेशन (2000), नेशनल चार्टर फॉर चिल्ड्रन (2003), चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कीम (2009) और 2012 में POSCO एक्ट बनाए गए।  

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