सुपरबग की वजह से दुनियाभर में हर साल 13 लाख मौत, कोरोना के साथ मिलकर मचा सकता है कोहराम, जानें इसके फैलने की वजह और कितना घातक है यह बैक्टीरिया

सुपरबग अलर्ट सुपरबग की वजह से दुनियाभर में हर साल 13 लाख मौत, कोरोना के साथ मिलकर मचा सकता है कोहराम, जानें इसके फैलने की वजह और कितना घातक है यह बैक्टीरिया

Dablu Kumar
Update: 2023-01-02 16:28 GMT
हाईलाइट
  • सुपरबग से है बीमारियों का खतरा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले दो साल से दुनियाभर के लोग कोरोना महामारी की मार झेल रहे है। एक तरफ लोग कोरोना के नए नए वेरिएंट से परेशान है तो वही दूसरी ओर अमेरिका में इंसानों के बीच एक बैक्टीरिया तेजी से पांव पसार रहा है। इस बैक्टीरिया का नाम सुपरबग है जो पूरी दुनिया को एक बार फिर से चिंता में डाल दिया है। बता दें कि, यह बैक्टीरिया मेडिकल साइंस के लिए भी एक बड़ा सिरदर्द बन गया है। इन सब के बीच कोविड-19 का संक्रमण सुपरबग को और ज्यादा खतरनाक बना रहा है। मेडिकल जर्नल लांसेट में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार अगर सुपरबग इसी रफ्तार के साथ फैलता चला गया तो इसकी वजह से 1 करोड़ लोगों की जान जा सकती है।

मौजूदा आंकड़ों की बात करें तो सुपरबग ने दुनियाभर के लोगों में अपना कोहराम मचाना शुरू कर दिया है। इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि इस बैक्टीरिया की वजह से हर साल दुनिया भर में 13 लाख लोगों की मौत हो रही है। लांसेट स्टडी ने खुलासा किया है कि इस बैक्टीरिया पर एंटीबायोटिक और एंटी-फंगल दवाएं काम नहीं करती हैं। ऐसे में यह जाना जरूरी हो जाता है कि क्या सुपरबग दुनिया के लिए नया खतरा तो नहीं बनता जा रहा है? इसके लिए हमें यह समझना होगा कि सुपरबग क्या है और यह काम कैसे करता है। 

सुपरबग क्या है?

सुपरबग बैक्टीरिया का ही एक रूप है। कुछ बैक्टीरिया मनुष्य के लिए किसी तरह की दिक्कत पैदा नहीं करते है। इन्हें हम सभी हयूमन फ्रैंडली बैक्टीरिया के नाम से भी जानते है, लेकिन कुछ बैक्टीरिया हयूमन फैंडली नहीं होते हैं। सुपरबग भी इन्हीं में से एक है। यह इंसानों को लिए काफी ज्यादा खतरनाक है। यह बैक्टीरिया, वायरस, फंगस या पैरासाइट्स का स्ट्रेन है। शोध में पाया गया है कि जब बैक्टीरिया, वायरस, फंगस या पैरासाइट्स समय के साथ अपने स्वरूप में बदलाव करते है तो तब इन पर दवाई काम करना बंद कर देती है। इस दौरान इनमें एंटीमाइक्रोबॉयल रेजिस्टेंस पैदा हो जाती है। 

ऐसे में एंटीमाइक्रोबॉयल रेजिस्टेंस पैदा हो जाने के बाद संक्रमण का इलाज करना काफी मुश्किल हो जाता है। आसान भाषा में कहे तो यह वह स्थिति जब मनुष्य के शरीर में मौजूद बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट के सामने दवा काम करना बंद कर देती है। 

जाने कैसे होता है सुपरबग?

सामान्य तौर पर किसी भी तरह की ज्यादा एंटीबायोटिक दवा लेने या फिर बेवजह एंटीबायोटिक दवा के इस्तेमाल करने से सुपरबग होता है। डॉक्टरों के मुताबिक, फ्लू जैसे वायरस संक्रमण होने पर एंटीबायोटिक दवा लेने से सुपरबग होने के संभावनाएं बढ़ जाती है। जिसके बाद यह धीरे धीरे दूसरे व्यक्ति को भी संक्रमित कर देता हैं। 

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, भारत में भी निमोनिया और सेप्टीसीमिया के इलाज के दौरान दी जाने वाली दवाएं कार्बेपनेम मेडिसिन अब बैक्टीरिया पर असर करना बंद कर चुकी है। हालांकि अब इन दवाओं के निर्माण में रोक लगा दिया गया। 

जानें कैसे फैलता है सुपरबग?

एक से दूसरे इंसान में त्वचा संपर्क होने के जरिए सुपरबग होता है। इसके अलावा घाव होने, लार और यौन संबंध बनाने से भी यह फैलता है और जब सुपरबग इंसान के शरीर में प्रवेश कर जाती है तब दवाई काम करना बंद कर देती है। फिलहाल सुपरबग के लिए कोई भी दवाई उपलब्ध नहीं है जिससे इसे रोका जा सके। 

कोरोना और सुपरबग मिलकर दुनिया में मचा सकते है कोहराम

कुछ दिन पहले कोरोना और सुपरबग के कारण लगातार लोग अपनी जान गंवा रहे थे। इस दौरान लांसेट ने एक स्टडी की। रिपार्ट के मुताबिक, साल 2021 में आईसीएमआर ने 10 अस्पतालों में एक अध्यन किया। इसमे पाया गया कि कोरोना वायरस से बचने के लिए लोग ज्यादा से ज्यादा एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। 

एंटीबायोटिक के ज्यादा इस्तेमाल और सुपरबग के कारण हालात और भी ज्यादा खराब होने शुरू हुए है। रिपोर्ट के अनुसार, कोरोना से संक्रमित होने वाले 50 फीसदी लोग को इलाज के दौरान या बाद में बैक्टीरिया या फंगस की वजह से इन्फेक्शन हुआ है। इस दौरान कई लोगों की मौत भी हुई है। रिपोर्ट के अनुसार लोग इसी तरह कोरोना से बचने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करते रहे तो मेडिकल साइंस की सारी तरक्की शून्य हो जाएगी। 

एंटीबायोटिक के इस्तेमाल में हुआ है इजाफा

स्कॉलर एक्डिमिक जर्नल ऑफ फार्मेसी की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 15 सालों में दुनियाभर में एंटीबायाटिक दवाओं की इस्तेमाल में 65 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। कोरोना महामारी से डरे लोग सामान्य सर्दी खासी होने पर भी एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। अब तक अमेरिका में सुपरबग की वजह से तकरीबन 5 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है। 

एंटीबायोटिक खाना कितना खतरनाक?

लांसेट ने इस अध्ययन में पाया कि कोरोना संक्रमण की वजह से अस्पतालों में मरीजों ने एएमआर (Antimicrobial resistance) का बोझ बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है। इसकी वजह यह मानी जा रही है कि कोरोना संक्रमण इलाज के दौरान मरीजों को ज्यादातर एंटीबायोटिक दी गई। 

सुपरबग से है बीमारियों का खतरा

साल 2021 में अमेरिका में हुए रिसर्च में पाया गया कि सुपरबग की वजह से प्रीमैच्योर बर्थ होने की संभावनाएं बढ़ जाती है। इसके अलावा पुरुषों को पेशाब से जुड़ी परेशानियां भी बढ़ जाती है। फिलहाल सुपरबग से इंसानों में लंबे समय तक होने वाले घातक परिणामों के बारे में अभी रिसर्च की जा रही है।

सुपरबग से बचने के उपाय

1.) हाथों को साबुन और पानी से समय समय पर धोते रहें।
2.) हाथ धोने के लिए हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
3.) खाने के सामान को साफ सुथरी जगह पर रखें।
4.) भोजन को अच्छी तरह से पकाएं और इसे बनाने के लिए साफ पानी का इस्तेमाल करें। 
5.) बीमार लोगों के संपर्क से बचें।
6.) डॉक्टर की सलाह के बाद ही एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल करें। 
7.) एंटीबायोटिक दवाओं को दूसरों के साथ साझा करने से बचें। 

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