विपक्ष का हंगामा: नहीं पेश हुआ तीन तलाक बिल, अब शीतकालीन सत्र में लाएगी सरकार

विपक्ष का हंगामा: नहीं पेश हुआ तीन तलाक बिल, अब शीतकालीन सत्र में लाएगी सरकार

Bhaskar Hindi
Update: 2018-08-10 03:03 GMT
विपक्ष का हंगामा: नहीं पेश हुआ तीन तलाक बिल, अब शीतकालीन सत्र में लाएगी सरकार
हाईलाइट
  • गुरुवार को तीन तलाक बिल में तीन अहम बदलाव को मंजूरी गई थी।
  • पीड़ित महिला की दलील सुनने के बाद पति को जमानत मिल सकेगी।
  • भाजपा ने व्हिप जारी कर सभी सांसदों से उपस्थित रहने को कहा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मानसून सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को सरकार राज्यसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा कराना चाहती थी, लेकिन विपक्ष इस मुद्दे से हटकर दूसरे विषयों पर हंगामा करता रहा। कांग्रेस सांसदों के हंगामे के बाद सदन को 2.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। बाद में कार्रवाई शुरू हुई, लेकिन हंगामे के कारण तीन तलाक बिल पेश नहीं हो सका। अब अनुमान लगाया जा सहा है कि शीतकालीन सत्र में बिल पेश किया जा सकता है। इससे पहले गुरुवार को बीजेपी ने व्हिप जारी कर सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा था। सरकार तीन तलाक बिल पास कराने के लिए पूरा दमखम लगा रही है। गुरुवार को तीन तलाक बिल में तीन अहम बदलाव को मंजूरी दी गई थी। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कैबिनेट बैठक में कहा, "पति और पत्नी विवाद को आपसी बातचीत से सुलझाना चाहते हैं तो मजिस्ट्रेट कुछ शर्तों के साथ मजिस्ट्रेट माफी दे सकेंगे। पति के अचानक तीन तलाक देने और निकाह तोड़ देने पर पीड़ित महिला या उसके खून के रिश्ते में आने वाला कोई व्यक्ति ही पुलिस में एफआईआर करवा सकेगा। पीड़ित महिला की दलील सुनने के बाद पति को जमानत मिल सकेगी। अपने नाबालिग बच्चों के लिए पीड़िता गुजारा-भत्ता और कस्टडी की मांग भी कर सकती है।

कांग्रेस का निर्णय स्पष्ट: सोनिया गांधी
यूपीए अध्यक्षा सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस का मत इस बिल को लेकर एकदम स्पष्ट है। मुझे इस पर कुछ नहीं कहना है। इसके पहले गुरुवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में लंबित तीन तलाक बिल को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा था। प्रसाद ने सवाल किया कि कांग्रेस राज्यसभा में तीन तलाक बिल का समर्थन करेगी या नहीं? बता दें कि अगस्त 2017 में पांच जजों की बेंच तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को गैरकानूनी करार दे चुकी है। पांच जजों की बेंच में यह बिल 3 और 2 के अनुपात से बहुमत के आधार पर पास हो गया था। इस फैसले के बाद सरकार ने इसके खिलाफ कानून बनाने को कहा था।

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