'LG के पास कोई अधिकार नहीं, लोकतंत्र का उड़ा रहे मजाक'

'LG के पास कोई अधिकार नहीं, लोकतंत्र का उड़ा रहे मजाक'

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-10 02:52 GMT
'LG के पास कोई अधिकार नहीं, लोकतंत्र का उड़ा रहे मजाक'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार और लेफ्टिनेंट गवर्नर के बीच चली आ रही जंग अब एक नए मोड़ पर आ गई है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने लेफ्टिनेंट गवर्नर पर लोकतंत्र से मजाक करने का आरोप लगाया है। उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली में एलजी गैर संवैधानिक तरीके से काम कर रहे हैं। 

 

LG के पास नहीं है कोई अधिकार

 

इसके आगे पी. चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि "कानून के मुताबिक, एलजी के पास कोई अधिकार नहीं है। सारे अधिकार या तो कैबिनेट के पास हैं या फिर राष्ट्रपति के पास। अगर किसी बात पर राष्ट्रपति सहमत होते हैं तो ये उनकी राय होगी, न कि एलजी की, लेकिन एलजी फाइलों को राष्ट्रपति के पास न भेजकर खुद ही सारे फैसले ले रहे हैं।"
 

LG लोकतंत्र का उड़ा रहे हैं मजाक

 

गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली (GNCTD) के हवाले से चिदंबरम ने कहा कि "एलजी को मुख्यमंत्री या सरकार से सलाह लेकर काम करना होगा। अगर कोई मतभेद भी हैं, तो राष्ट्रपति इसका फैसला करेंगे, न कि कोई तीसरा पक्ष।" उन्होंने आगे कहा कि "लेकिन एलजी, सरकार की जगह खुद फैसले ले रहे हैं। ये लोकतंत्र का मजाक है।" उन्होंने कहा कि एलजी या तो निर्वाचित सरकार की जगह फैसले ले रहे हैं या बिना अधिकार के उसकी जगह ले रहे हैं। 

राष्ट्रपति के पास भेजें मामला

 

चिदंबरम ने आगे कहा कि "जब से हाईकोर्ट ने एलजी को दिल्ली का एडमिनिस्ट्रेटिव हेड बताया है, तब से वो कहते हैं कि वो ही सारे फैसले लेंगे।" उन्होंने कहा कि "कोई भी मामला मतलब हर मामला नहीं, लेकिन किसी भी मुद्दे पर मतभेद हो तो उस मामले को तुरंत राष्ट्ररपति के पास भेजा जाना चाहिए। अगर दिल्ली सरकार की कोई पॉलिसी अनकॉन्स्टीट्यूशनल है, तो भी कोई दिक्कत नहीं, लेकिन मामले को राष्ट्रपति के पास भेजा जाना चाहिए।" चिदंबरम ने ये भी कहा कि "एलजी सरकार से कहते हैं कि आपके पास कोई अधिकार नहीं है और मैं ही सारे फैसले करूंगा।" 

 

5 जजों की बेंच कर रही है सुनवाई

 

दिल्ली सरकार बनाम लेफ्टिनेंट गवर्नर मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की कॉन्स्टीट्यूशनल बेंच कर रही है। इस बेंच की अध्यक्षता चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा कर रहे हैं। उनके अलावा जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस अशोक भूषण शामिल हैं। इस मामले की अगली सुनवाई अब 14 नवंबर को होगी।


 

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