पटना हाईकोर्ट: मगध यूनिवर्सिटी के 21 प्राचार्यों की नियुक्ति अवैध

पटना हाईकोर्ट: मगध यूनिवर्सिटी के 21 प्राचार्यों की नियुक्ति अवैध

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-22 03:18 GMT
पटना हाईकोर्ट: मगध यूनिवर्सिटी के 21 प्राचार्यों की नियुक्ति अवैध

डिजिटल डेस्क, पटना। पटना हाईकोर्ट ने 21 प्राचार्यों की नियुक्ति को अवैध करार दे दिया है। ये सभी प्राचार्य मगध यूनिवर्सिटी, बोधगया में नियुक्त किए गए थे। इसके साथ ही निगरानी ब्यूरो को पूरे बहाली मामले की जांच जल्द पूरा करने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने बहाली प्रक्रिया के दोषी अधिकारियों को तत्काल सजा दिलाने की कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है। कोर्ट ने कहा कि पब्लिक पोस्ट बहाली ईमानदारीपूर्वक एवं न्यायसंगत होनी चाहिए। पब्लिक क्षेत्र में नियुक्ति में धोखाधड़ी किए जाने पर कोर्ट मूकदर्शक बनकर नहीं रह सकता। 

 

 

86 पन्ने का आदेश जारी

अदालत ने इन सभी मामलों पर एक साथ सुनवाई कर गत 6 अक्टूबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने डॉ. जितेंद्र रजक एवं अन्य सहित आठ अन्य एलपीए (अपील) पर 86 पन्ने का आदेश जारी किया। इसके साथ ही सभी दोषियों को कटघरे में लाने का आदेश भी दिया है। बता दें कि अपील करने वालों ने हाईकोर्ट की एकलपीठ के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसके तहत 21 प्राचार्यों की बहाली को अवैध घोषित करते हुए नए सिरे से नियुक्ति का आदेश दिया गया था। 

 

 

जानकारी के दौरान सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने अपीलों का पुरजोर विरोध किया। राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि इन सभी नियुक्तियों का मामला उस दौर का है जब सूबे में वीसी की नियुक्तियां ही विवादास्पद होती थीं। राज्य सरकार के परामर्श के बगैर नियुक्तियां हुआ करती थीं। खंडपीठ ने कहा कि हाइकोर्ट की एकलपीठ ने इन प्राचार्यों की नियुक्ति को रद्द करने का जो फैसला दिया था, वह बिल्कुल सही है।

 

याचिकाकर्ता ने लेन-देन की बात भी कोर्ट में बताई


सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने चयन समिति द्वारा अनियमितता बरतने के साथ-साथ पैसे के लेन-देन की बात कोर्ट को बताई। समिति में शामिल तीन सदस्यों ने भी बताया कि प्राचार्यों की नियुक्ति में अनियमितता बरती गई है। एक वरीय सदस्य डॉ शिव जतन ठाकुर ने खुद अदालत में उपस्थित होकर कहा कि मेरे अंधेपन का फायदा उठा कर नियुक्तियों में धांधली की गई है। 

 

 

इन 21 प्राचार्यों पर गिरी गाज 


  
डॉ शैलेश कुमार श्रीवास्तव, प्राचार्य, एएनएस कॉलेज, औरंगाबाद, डॉ दिलीप कुमार, प्राचार्य, नौबतपुर कॉलेज, पटना, डॉ राजीव रंजन, जेजे कॉलेज, बिहटा, पटना, डॉ आनंद कुमार सिंह, डीएन सिन्हा कॉलेज, जहानाबाद, डॉ राजेश शुक्ला, जेएल कॉलेज, खगौल, दानापुर, डॉ सीके वर्मा, आरएलएस यादव कॉलेज, बख्तियारपुर, पटना, डॉ सुनील सुमन, पीएस कॉलेज, हिसुआ, नवादा, डॉ मीरा कुमार, जीबीएम महिला कॉलेज, गया, डॉ विजय रजक, अरवल कॉलेज, अरवल, डॉ जितेंद्र रजक, प्राचार्य, आरपीएस कॉलेज, मोकामा, पटना, डॉ विनोद कुमार, प्राचार्य, जवाहरलाल नेहरू कॉलेज मोकामा, पटना, डॉ जवाहर प्रसाद सिंह, एसयू कॉलेज, हिलसा, डॉ राज कुमार मजूमदार, एसपीएन कॉलेज, नालंदा, डॉ गणेश महतो, दाउदनगर कॉलेज, औरंगाबाद, डॉ फूलो पासवान, राम लखन सिंह यादव कॉलेज, औरंगाबाद, डॉ सुशीला दास, आरपीएन कॉलेज, पटना सिटी, डॉ तपन कुमार शांडिल्य, मगध विश्वविद्यालय मुख्यालय, डॉ ओम प्रकाश सिंह, एसएन सिन्हा कॉलेज, औरंगाबाद, डॉ सतीश चंद्र, विक्रम कॉलेज, पटना, डॉ सत्येंद्र प्रजापति, एसएन सिन्हा कॉलेज, बिहारशरीफ, डॉ एमएस हसन, शेरघाटी कॉलेज, गया। 
 

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