कलाम की राह पर कोविंद, राष्ट्रपति भवन में नहीं होंगे धार्मिक कार्यक्रम

कलाम की राह पर कोविंद, राष्ट्रपति भवन में नहीं होंगे धार्मिक कार्यक्रम

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-07 04:55 GMT
कलाम की राह पर कोविंद, राष्ट्रपति भवन में नहीं होंगे धार्मिक कार्यक्रम
हाईलाइट
  • यह फैसला उनके उन नियमों के आधार पर लिया गया है
  • जिसके तहत उन्होंने राष्ट्रपति भवन में टैक्स पेयर्स के पैसे से कोई धार्मिक कार्यक्रम न करने का निर्णय लिया था।
  • पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद ने भी अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी के आयोजन को बंद कर दिया था।
  • हर बार रमजान के महीने में राष्ट्रपति भवन में होने वाला रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन इस साल से नहीं होगा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हर बार रमजान के महीने में राष्ट्रपति भवन में होने वाला रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन इस साल से नहीं होगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अब से इसे बंद कर दिया है। यह फैसला उनके उन नियमों के आधार पर लिया गया है, जिसके तहत उन्होंने राष्ट्रपति भवन में टैक्स पेयर्स के पैसे से कोई धार्मिक कार्यक्रम न करने का निर्णय लिया था। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम आजाद ने भी अपने कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी के आयोजन को बंद कर दिया था।

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राष्ट्रपति कोविंद के प्रेस सचिव अशोक मलिक ने बताया कि रामनाथ कोविंद ने पिछले साल जुलाई में राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। अपना पदभार ग्रहण करने के बाद ही उन्होंने निर्णय लिया था कि राष्ट्रपति भवन जैसी सरकारी बिल्डिंग में जनता के पैसे से कोई भी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा। अशोक मलिक ने कहा, "राष्ट्रपति कोविंद ने ऑफिस संभालने के बाद से राष्ट्रपति भवन में न तो दिवाली मनाई है न ही क्रिसमस। हालांकि उन्होंने हर त्यौहार पर देश के नागरिकों को बधाइयां दी हैं।" मलिक ने यह  भी बताया कि राष्ट्रपति का यह फैसला धर्मनिरपेक्ष देश के सिद्धांतों पर आधारित है और सभी धार्मिक त्यौहारों पर लागू है।

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बता दें कि इन दिनों मुस्लिम धर्म का सबसे पवित्र महिना चल रहा है। लगभर हर मुस्लिम धर्मावलंबी इन दिनों रोजा रखता है। सुबह से लेकर शाम तक बिना भोजन और पानी के रोजे रखे जाते हैं। शाम को इफ्तार किया जाता है, जिसमें रोजेदार अपना रोजा छोड़ता है और खाना खाता है। मुस्लिम धर्म के इस पवित्र महीने में राष्ट्रपति भवन में हमेशा से इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जाता रहा है। एनडीए सरकार के दौरान राष्ट्रपति बने अब्दुल कलाम आजाद के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी का आयोजन बंद कर दिया गया था। यूपीए सरकार के दौरान राष्ट्रपति पद संभालने वाली प्रतिभा पाटिल ने राष्ट्रपति भवन में रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन फिर से शुरू किया था। उनके बाद प्रणब मुखर्जी ने भी अपने कार्यकाल के दौरान इस प्रथा को जारी रखा था।

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