गडचिरोली नक्सली हमला : परिजन को मिलेगी 1-1 करोड़ की मदद, एसओपी के पालन को लेकर भी होगी जांच

गडचिरोली नक्सली हमला : परिजन को मिलेगी 1-1 करोड़ की मदद, एसओपी के पालन को लेकर भी होगी जांच

Bhaskar Hindi
Update: 2019-05-02 04:43 GMT
गडचिरोली नक्सली हमला : परिजन को मिलेगी 1-1 करोड़ की मदद, एसओपी के पालन को लेकर भी होगी जांच

डिजिटल डेस्क, गडचिरोली। गडचिरोली में नक्सली हमले में मारे गए जवानों के परिवारों को 1 करोड़ 8 लाख रुपए की मदद दी जाएगी। पुलिस अधीक्षक शैलेश बलवकड़े ने कहा कि पुलिस विभाग जवानों के परिजनों के साथ है। शहीद हुए सभी जवानों के परिजनों को सरकारी सेवा के तहत 58 वर्ष तक का वेतन और परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा शहीद बच्चों के स्नातकोत्तर शिक्षा की सारी जिम्मेदारी विभाग की होगी। गडचिरोली में नक्सली हमले में मारे गए जवानों के दौरे के समय मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का पालन हुआ है या नहीं। इस बात की जांच प्रदेश सरकार कराएगी।

उधर मुंबई में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में नक्सली हमले में मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मंत्रालय में हुई बैठक में गृह विभाग के अफसरों ने राज्य मंत्रिमंडल को नक्सली हमले और एसओपी के बारे में प्रेजेंटेशन दिया। गृह विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के पुलिस के महानिदेशक सुबोध जायसवाल इस बात की जांच करेंगे कि एसओपी का पालन हुआ था अथवा नहीं। इसके बाद सरकार की तरफ से कदम उठाए जाएंगे। अधिकारी ने कहा कि यदि एसओपी में कुछ खामियां पाई गई तो जरूरत के अनुसार उसमें सुधार किया जाएगा। गुुरुवार को गडचिरोली में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मुख्य उपस्थिति में सभी जवानों को शासकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस समेत केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहिर, ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, पालकमंत्री आत्राम, गृह राज्यमंत्री दीपक केसरकर और पुलिस विभाग के आला अधिकारी प्रमुखता से उपस्थित थे। 

नक्सलियों को मिल रहा राजनीतिक समर्थन: राऊत 

दूसरी ओर शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि हमारी कोशिश नक्सलियों से मुकाबला करने की होती है लेकिन ऐसा लगता है कि नक्सलियों को किसी का समर्थन है जो राजनीतिक हो सकता है। नक्सलियों के पास पूरा सिस्टिम है, जिससे वे हमसे हमसे आगे जा रहे हैं। लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि घटना को अंजाम देने वालों को सरकार नहीं छोड़ेगी।  

नक्सली हमले में मौदा के अमृत भदाडे शहीद

इस हमले में अमृत प्रभुदास भदाडे चिचघाट पुनर्वसन रबड़ीवाला टी प्वाइंट, मौदा निवासी शहीद हुए हैं। 2010 में वे पुलिस दल में भर्ती हुए थे। जवान अमृत प्रभुदास भदाडे (33) की दो साल पहले शादी हुई थी। पत्नी का नाम माधुरी अमृत भदाडे (26) है। उन्हें एक साल की बेटी है। जिसका नाम कासवी अमृत भदाडे है। वे अपने पीछे पत्नी, बेटी, माता, पिता व छोटे भाई को छोड़ गए हैं। पिता प्रभुदास भदाडे (60) खेती का काम करते हैं। माता का नाम सरस्वताबाई है। उनकी अंतिम यात्रा घर से मौद शहर से निकाली गई। उनके दर्शन के लिए सड़क पर हजारों की संख्या में भीड़ लगी थी।
 

आपको बता दें, महाराष्ट्र के गडचिरोली में बुधवार को हुए आईईडी विस्फोट को अंजाम देने वाले नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। नक्सली हमले के बाद कुरखेड़ा वन क्षेत्र में पुलिस का कॉम्बिंग ऑपरेशन जारी है। सुरक्षाबलों ने कुरखेड़ा इलाके को अपने कब्जे में ले लिया है। वहीं महाराष्ट्र डीजीपी, आईजी, एसपी गडचिरोली, कलेक्टर गडचिरोली और नक्सल विरोधी ऑपरेशन के अधिकारी ने घटनास्थल पर पहुंच कर जायजा लिया। 

उल्लेखनीय है कि बुधवार को कुरखेड़ा से 6 किमी दूर स्थित कोरची मार्ग पर पुलिस कमांडो से भरे वाहन को नक्सलियों ने आईआईडी ब्लास्ट से उड़ा दिया था। इस ब्लास्ट में सी-60 के 15 जवान और एक ड्राइवर सहित कुल 16 लोग शहीद हो गए।

 

बिहार में भी नक्सलियों ने मचाया तांडव 

गडचिरोली के बाद नक्सलियों ने बिहार के गया में भी तांडव मचाया। नक्सलियों ने सड़क निर्माण में लगी चार गाड़ियों को आग लगा दी। घटना जिले के बाराचट्टी थाना क्षेत्र के भोक्ताडीह जयगीर गांव की है।

छत्तीसगढ़ में की दो ग्रामीणों की हत्या

वहीं छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों ने दो ग्रामीणों की हत्या कर दी। शव मिलने के बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नक्सलियों ने मुखबिरी का शक होने पर जन अदालत लगातर दोनों ग्रामीणों की हत्या कर दी। 
 

सड़क निर्माण कंपनी के वाहनों को जलाया

नक्सलियों ने गडचिरोली में आईईडी ब्लास्ट से पहले भी एक घटना को अंजाम दिया था। नक्सलियों ने सड़क निर्माण कंपनी के वाहनों और मशीनों को आग लगा दी थी। घटना कुरखेड़ा तहसील के दादापुरा में हुई। वाहनों में आग लगाने के बाद नक्सली जंगल की तरफ भाग गए। 

खास होते हैं सी-60 कमांडो फोर्स

वर्ष 1992 में सी-60 कमांडो फोर्स बनाई गई था। इसमें पुलिस फोर्स के 60 जवान शामिल होते हैं। सी-60 में शामिल जवानों को गुरिल्ला युद्ध के लिए भी तैयार किया जाता है। इनकी ट्रैनिंग हैदराबाद, नागपुर और बिहार में होती है। सी-60 जवानों को इस प्रकार की ट्रेनिंग दी जाती है कि वे कई दिनों तक भूखे-प्यासे रह सकते हैं। वहीं अपने साथ करीब 15 किलों का भार लेकर चलते हैं।

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