खुले मैदान में चलने वाली योग कक्षाओं पर भी लग सकता है टैक्स !

खुले मैदान में चलने वाली योग कक्षाओं पर भी लग सकता है टैक्स !

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-16 18:24 GMT
खुले मैदान में चलने वाली योग कक्षाओं पर भी लग सकता है टैक्स !

डिजिटल डेस्क, मुंबई। खुले मैदान में चलने वाले योग, ध्यान शिविर और एरोबिक की क्लासेस पर कानून के मुताबिक क्या टैक्स लगाया जा सकता है। यह निर्धारित करने की मांग को लेकर नागरिकों के एक समूह ने बांबे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। मलबार हिल सिटीजन फोरम ने याचिका में अदालत से आग्रह कि वह यह तय करे की क्या योगा क्लास कानून में हेल्थ व फिटनेस सर्विस के के दायरे में आती है। याचिका में मुख्य रुप से कस्टम एक्साइस एंड सर्विस टैक्स अपीलेट ट्रिब्युनल के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें इस फोरम को 5 लाख रुपए टैक्स के रुप में देने को कहा गया है।

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सर्विस टैक्स विभाग ने दिया है 5 लाख जमा करने का निर्देश
पिछले दिनों सर्विस टैक्स विभाग के सहायक आयुक्त ने फोरम को नोटिस जारी करते हुए पांच लाख रुपए कर के रुप में भुगतान करने को कहा था। ट्रिब्युनल ने विभाग की अोर से जारी नोटिस को सही ठहराया है। याचिका के अनुसार फोरम दक्षिण मुंबई के प्रियदर्शनी पार्क में योग व एरोबिक की कक्षाएं  चलाता है। याचिका में फोरम ने कहा है कि फोरम के सदस्य लोगों को योग व एरोबिक का प्रशिक्षण देते हैं। इसलिए यह हेल्थ व फिटनेस सर्विस की श्रेणी में नहीं आता है। इसलिए योग व ध्यान शिविर के लिए हम पर टैक्स नहीं लगाया जा सकता। टेनिस व दूसरे खेलों को लेकर हम टैक्स भरते हैं।

सुनवाई एक सप्ताह तक के लिए स्थगित
याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि प्रियदर्शनी पार्क जिस स्थान पर बना है, पहले वह चट्टानी भूभाग था। इसे उद्यान के रुप में स्थानीय लोगों ने विकसित किया है। जहां पर लोग अब सुबह-शाम टहलते हैं। खंडपीठ ने फिलहाल इस मामले की सुनवाई एक सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है।

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