राष्ट्रपति की मंजूरी से आठ आईआईटी संस्थानों में नए निदेशकों की नियुक्ति

दिल्ली राष्ट्रपति की मंजूरी से आठ आईआईटी संस्थानों में नए निदेशकों की नियुक्ति

IANS News
Update: 2022-09-19 17:30 GMT
राष्ट्रपति की मंजूरी से आठ आईआईटी संस्थानों में नए निदेशकों की नियुक्ति

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत की राष्ट्रपति ने देश के आठ अलग-अलग आईआईटी संस्थानों के निदेशकों की नियुक्ति को मंजूरी दी है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने इस विषय में आधिकारिक जानकारी देते हुए सोमवार रात बताया कि राष्ट्रपति से मिली स्वीकृति के उपरांत अब इन सभी आईआईटी संस्थानों को नए निदेशक मिल सकेंगे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जिन आईआईटी संस्थानों के निदेशकों की नियुक्ति को मंजूरी दी है उनमें आईआईटी गोवा, आईआईटी पलक्कड़,आईआईटी तिरुपति, आईआईटी धारवाड़, आईआईटी भुवनेश्वर, आईआईटी गांधीनगर, आईआईटी भिलाई और आईआईटी जम्मू शामिल हैं।गौरतलब है कि भारत की राष्ट्रपति देश के सभी आईआईटी संस्थानों की विजिटर हैं। इस नाते यहां निदेशकों की नियुक्ति का अधिकार भी राष्ट्रपति को हासिल है।

अपने इन्हीं अधिकारों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति ने आईआईटी पलक्कड़ के लिए प्रोफेसर ए शेषाद्री शेखर को निदेशक नियुक्त किया है जबकि आईआईटी तिरुपति के निदेशक पद पर प्रोफेसर केएन सत्यनारायण और आईआईटी धारवाड़ के निदेशक पद पर प्रोफेसर वैंकप्पय्या आर देसाई को नियुक्त किया गया है।

वहीं आईआईटी भिलाई के लिए राष्ट्रपति ने प्रोफेसर राजीव प्रकाश को निदेशक नियुक्त किया है। आईआईटी गांधीनगर के नए निदेशक प्रोफेसर रजत मूना होंगे। आईआईटी भुवनेश्वर के नए निदेशक प्रोफेसर श्रीपद कमलाकर हैं। राष्ट्रपति ने आईआईटी गोवा के निदेशक पद पर प्रोफेसर पासुमार्थी सेशु को निदेशक नियुक्त किया है। इसी तरह आईआईटी जम्मू के लिए प्रोफेसर मनोज सिंह गौड़ को निदेशक पद पर नियुक्त किया गया है।

इससे पहले सोमवार को हुए कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आईआईटी सिर्फ शैक्षणिक संस्थान ही नहीं हैं, बल्कि वे वैज्ञानिक सोच विकसित करने और मानवता का उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने वाले मंदिर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे समाज को समस्त आईआईटी से काफी उम्मीदें हैं। आईआईटी में शिक्षा प्राप्त करने वाले हमारे विद्यार्थियों को प्रगति और विकास का पथ प्रदर्शक बनना होगा। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब पूरी दुनिया ब्रेन रिसर्च सेंटर से लाभान्वित होने के लिए आईआईटी मद्रास आएगी। थ्रीडी-प्रिंटिंग तकनीक जैसे नायाब आइडिया निर्माण क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं, विस्थापन के मुद्दों को हल करने में काफी मदद कर सकते हैं और गरीबों को सम्मानजनक जीवन दे सकते हैं।

केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हम सभी से पंच प्राण अपनाने की अपील की है। भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने और विकसित भारत के विजन को साकार करने में आईआईटी मद्रास जैसे संस्थानों की अहम भूमिका है। अगले 25 साल हम सभी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। अमृत काल में प्रवेश करते समय हम एक ऐसे देश को पछाड़ कर उससे आगे निकल गए, जिसने हमें उपनिवेश बना लिया था। भारत अभूतपूर्व गति से विकास कर रहा है। उन्होंने कहा कि काफी तेजी से विकसित हो रहे भारत की घरेलू जरूरतें अत्यंत बड़ी होंगी जिन्हें हमारे समस्त आईआईटी को पूरा करना होगा।

 

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