ममता दीदी का खौफ, सीक्रेट प्रचार से चुनाव जीतने की प्लानिंग

पश्चिम बंगाल उप-चुनाव ममता दीदी का खौफ, सीक्रेट प्रचार से चुनाव जीतने की प्लानिंग

Manuj Bhardwaj
Update: 2021-09-18 07:19 GMT
ममता दीदी का खौफ, सीक्रेट प्रचार से चुनाव जीतने की प्लानिंग
हाईलाइट
  • टीएमसी के कार्यकर्ता धमकाते है: दिलीप घोष
  • बंगाल में चुनाव बाद हिंसा से सबक लेते हुए बीजेपी ने अपनी रणनीति बदली है
  • बीजेपी की ओर से प्रियंका टिबरवाल होगी ममता के सामने

डिजिटल डेस्क, भवानीपुर। पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान बड़ी रैलियां करने वाली बीजेपी इस बार भवानीपुर उपचुनाव के लिए नई रणनीति के साथ आई है। भवानीपुर सीट से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं। विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को नंदीग्राम सीट से सुवेंदु अधिकारी से हार का सामना करना पड़ा था। भवानीपुर सीट से बीजेपी की ओर से प्रियंका टिबरवाल ममता के सामने है ।  

विधानसभा चुनाव के दौरान मेगा रैलियां करने वाली बीजेपी ने इस बार रैलियों से अपना ध्यान हटा लिया है। भवानीपुर में बीजेपी नेता अब घर-घर जा रहे हैं और मतदाताओं से बात कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा से सबक लेते हुए बीजेपी ने अपनी रणनीति बदली है। 

टीएमसी के कार्यकर्ता धमकाते हैं 

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीष घोष ने कहा कि,"इस बार चुनाव प्रचार की हमारी रणनीति साइलेंट है। अगर हम मीडिया के साथ प्रचार करते थे तो बाद में टीएमसी के कार्यकर्ता वहां पहुंच जाते थे और लोगों को धमकाते थे।  इसलिए हमलोग रणनीति के तहत काम कर रहे हैं। हमारे नेता-कार्यकर्ता घर घर जाकर लोगों से मिल रहे हैं।"  

30 सितंबर को होगा मतदान 

दिलीप घोष ने कहा, "चुनाव के बाद हिन्दी बोलने वालों और गैर बंगालियों को निशाना बनाया गया, उन्हें धमकी दी गई, उनके घर और कार तोड़ दिए गए, वे डरे हुए हैं। अगर फिर से वहां जाते हैं तो उन्हें फिर से घमकाया जाएगा, इसलिए हमने नई रणनीति अपनाई है। हम रैलियां नहीं कर रहे हैं, हम लोगों से मिल रहे हैं। " आपको बता दे भवानीपुर में 30 सितंबर को मतदान है। जबकि वोटों की गिनती 3 अक्टूबर को होगी। 

दिलीप घोष ने आगे कहा कि कॉरपोरेशन चुनाव से पहले टीएमसी दहशत का माहौल बना रही है, ताकि लोग इन चुनावों में अपना वोट नहीं डाल सकें। 

सीएम ममता बनर्जी द्वारा ये कहने पर कि देश को तालिबानी मानसिकता से बचाने की जरूरत है तो इस पर दिलीप घोष ने जवाब दिया कि, "बंगाल में चुनाव के बाद जो हुआ था वो तालिबानी मानसिकता थी। भारत में कही भी विपक्ष को इस तरह प्रताड़ित नहीं किया जाता है, यहां पुलिस चुप है। अभी जो बंगाल की स्थिति है और अफगानिस्तान की जो स्थिति है उसमें कोई अंतर नहीं है।" 


 

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