LJP में बढ़ी फूट, पशुपति कुमार पारस ने अध्यक्ष पद से हटाया तो चिराग ने पांचों सांसदों को निलंबित किया

LJP में बढ़ी फूट, पशुपति कुमार पारस ने अध्यक्ष पद से हटाया तो चिराग ने पांचों सांसदों को निलंबित किया

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-15 13:00 GMT
LJP में बढ़ी फूट, पशुपति कुमार पारस ने अध्यक्ष पद से हटाया तो चिराग ने पांचों सांसदों को निलंबित किया

डिजिटल डेस्क, पटना। लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में पड़ी फूट बढ़ती जा रही है। बिहार के जमुई से सांसद चिराग पासवान ने चाचा पशुपति कुमार पारस और बगावत करने वाले चारों सांसदों को पार्टी से निलंबित कर दिया है। मंगलवार शाम को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ये फैसला लिया गया। बैठक से पहले चिराग के समर्थकों ने चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। समर्थकों ने पशुपति और पांचों सांसदों की तस्वीर जलाईं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी तस्वीरें जलाई गई।

दरअसल, पशुपति समर्थित नेताओं ने मंगलवार को पार्टी संविधान का हवाला देते हुए चिराग को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया था। उनका कहना था कि चिराग तीन-तीन पदों पर एक साथ काबिज थे। इसी के बाद चिराग ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी। बीते दिनों चिराग पासवान को किनारे करते हुए इन सांसदों ने पशुपति को 13 जून को अपना नेता चुना था। पशुपति पारस को लोकसभा में एलजेपी का नेता चुनने वालों में चौधरी महबूब अली कैसर, वीणा देवी, चंदन सिंह और प्रिंस राज शामिल है। इसे लेकर लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र सौंपा था। इस पत्र के बाद सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें संसदीय दल के नेता के रूप मे मान्यता दी थी।

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर चिराग पासवान की पहली प्रतिक्रिया आई है। चिराग पासवान ने ट्वीट कर लिखा, "पापा की बनाई इस पार्टी और अपने परिवार को साथ रखने के लिए किए मैंने प्रयास किया लेकिन असफल रहा। पार्टी मां के समान है और मां के साथ धोखा नहीं करना चाहिए। लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है। पार्टी में आस्था रखने वाले लोगों का मैं धन्यवाद देता हूं। एक पुराना पत्र साझा करता हूं।" लोक जनशक्ति पार्टी में टूट को लेकर कल दोपहर 1 बजे चिराग पासवान प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे।

वहीं बगावत करने वाले सांसद चौधरी महबूब अली कैसर ने कहा कि बिहार चुनाव में चिराग ने बड़ी गलती की। एनडीए में रहते हुए JDU के विरोध में काम किया। इसी कारण हम लोगों ने नेतृत्व परिवर्तन का निर्णय लिया। चिराग में अनुभव की कमी है इसलिए हमने पशुपतिनाथ पारस का समर्थन किया। कैसर ने कहा कि चिराग ने बिहार की राजनीति की नब्ज नहीं पकड़ी और बड़ी भूल की जिसका खामियाजा उन्हें और पूरी पार्टी को भुगतना पड़ा। चिराग पासवान को हमारी शुभकामनाएं हैं। इस परिस्थिति से निपट कर वे आगे बढ़ेंगे और एक बड़े नेता बनेंगे।

Tags:    

Similar News