Rajasthan Political Crisis: सीएम गहलोत ने राज्यपाल को सौंपी 102 विधायकों की सूची, सदन में बहुमत साबित करने को तैयार 

Rajasthan Political Crisis: सीएम गहलोत ने राज्यपाल को सौंपी 102 विधायकों की सूची, सदन में बहुमत साबित करने को तैयार 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-07-18 16:24 GMT
Rajasthan Political Crisis: सीएम गहलोत ने राज्यपाल को सौंपी 102 विधायकों की सूची, सदन में बहुमत साबित करने को तैयार 

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार शाम को जयपुर में राजभवन पहुंचे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां उन्होंने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात कर 102 विधायकों की लिस्ट सौंपी है। साथ ही सीएम ने बहुमत होने का दावा पेश किया है। सूत्रों के मुताबिक गहलोत ने ये भी कहा कि जरूरत पड़ी तो वे सदन में भी बहुमत साबित करने के लिए तैयार हैं। बुधवार को विधानसभा का सत्र बुलाया जा सकता है। आज बीजेपी नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा था हम बहुमत परीक्षण की मांग नहीं करते, लेकिन अगर अशोक गहलोत को लगता है कि उनके पास बहुमत है, तो उन्हें सदन में इसे साबित करना चाहिए। 

बता दें कि भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के दो विधायक आज ही अशोक गहलोत को समर्थन देने होटल में पहुंचे थे। सचिन पायलट के साथ गए BTP के दो विधायकों ने अब कहा है कि वो गहलोत सरकार का समर्थन करेंगे। राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि दो बीटीपी विधायक राजकुमार रोत और राम प्रसाद डिंडोर ने शुरू से ही हमारे सरकार का समर्थन किया है और यह जारी है। उन्होंने अशोक गहलोत सरकार के काम पर संतोष व्यक्त किया है। वे राज्य सरकार को स्थिरता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

दोनों विधायकों ने भाजपा के धनबल की राजनीति को नकारा 
इस दौरान बीटीपी के दोनों माननीय विधायकों ने भाजपा के धनबल की राजनीति को नकार के राजस्थान में चुनी हुई लोकतान्त्रिक सरकार के साथ अपने क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने का फैसला लिया है, जिसके लिए मैं दोनों माननीय सदस्यों के साथ बीटीपी पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को बहुत बहुत बधाई एवं धन्यवाद देता हूं।

विधानसभा का समीकरण
राजस्थान विधानसभा में अध्यक्ष को मिलाकर कांग्रेस के 100 विधायक अशोक गहलोत गुट पास हैं। भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो विधायकों के समर्थन देने के बाद अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों का आंकड़ा 102 हो जाता है। 200 सदस्यीय विधानसभा सभा में सरकार गठन के लिए 101 विधायकों का समर्थन आवश्यक है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के 72 विधायक हैं। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के 3 विधायक हैं। मतलब भाजपा गठबंधन के पास कुल 75 विधायक हैं। जबकि सचिन पायलट को कांग्रेस के 19 विधायकों का समर्थन हासिल है। तीन निर्दलीय विधायक हैं, और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का एक विधायक है। इस तरह पायलट खेमे में कुल 23 विधायक हैं।

कटारिया बोले, गहलोत साबित करें बहुमत
राजस्थान के भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि गृह और मुख्य सचिव ने फोन टैपिंग की इजाजत देने की बात से इनकार किया है। क्या ये हमारे अधिकारों का हनन नहीं है? हम बहुमत परीक्षण की मांग नहीं करते, लेकिन अगर अशोक गहलोत जी को लगता है कि उनके पास बहुमत है, तो उन्हें सदन में इसे साबित करना चाहिए।

संजय जैन को चार दिन की रिमांड पर भेजा
जयपुर की एक अदालत ने ऑडियो टेप कांड में आरोपी संजय जैन को चार दिन की रिमांड पर भेजा है। राजस्थान पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) मामले की जांच कर रही है और उसे संजय जैन की रिमांड मिली है। 

वसुंधरा राजे ने तोड़ी चुप्पी
राजस्थान में सियासी संकट के बीच शनिवार को राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्य के लोग कांग्रेस के आंतरिक कलह की कीमत चुका रहे हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से बीजेपी पर लगाए गए विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोपों पर वसुंधरा ने कहा, कांग्रेस अपने घर की लड़ाई में बीजेपी और बीजेपी नेतृत्व पर दोष लगाने की कोशिश कर रही है। वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस के आंतरिक कलह का नुकसान आज राजस्थान की जनता हो उठाना पड़ रहा है। ऐसे समय में जब हमारे प्रदेश में कोरोना से 500 से ज्यादा मौते हो चुकी हैं। करीब 28 हजार लोग कोरोना पॉजिटिव हैं।

यहां से शुरू हुआ सियासी खींचतान
बता दें कि गहलोल सरकार गिराने की कथित साजिश मामले में राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने एक्शन लिया। यहां तक कि इस मामले में पूछताछ के लिए एसओजी से मुख्यमंत्री गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट तक को नोटिस जारी किया। सीएम पूछताछ के लिए राजी हो गए, जबकि सचिन पायलट इससे नाराज हो गए और अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली में डेरा डाल दिया। अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर बीजेपी के साथ मिलकर राज्य सरकार को गिराने का आरोप लगाया। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सचिन पायलट को डिप्टी सीएम पद से हटाने का फैसला किया गया। उनके करीबी दो मंत्रियों को भी हटाने का निर्णय लिया गया था।


 

 

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