कृषि कानूनों के खिलाफ गहलोत और पायलट ने धरना दिया, डेढ़ घंटे तक अगल-बगल बैठे पर बात नहीं की

कृषि कानूनों के खिलाफ गहलोत और पायलट ने धरना दिया, डेढ़ घंटे तक अगल-बगल बैठे पर बात नहीं की

Bhaskar Hindi
Update: 2021-01-03 17:25 GMT
कृषि कानूनों के खिलाफ गहलोत और पायलट ने धरना दिया, डेढ़ घंटे तक अगल-बगल बैठे पर बात नहीं की

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान सरकार ने रविवार को केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ "किसान बचाओ, देश बचाओ" अभियान के तहत धरना दिया। इस धरने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट सार्वजनिक तौर पर एक साथ नजर आए। गहलोत और पायलट करीब डेढ़ घंटे तक अगल-बगल बैठकर धरना देते रहे, पर दोनों में  रस्म अदायगी के अलावा और कोई बातचीत तक नहीं हुई। इससे ये साफ हो गया है कि अभी भी राजस्थान कांग्रेस में सब कुछ पहले जैसा नहीं है। इससे पहले दोनों नेता 12 अगस्त 2020 को एकसाथ नजर आए थे, तब वरिष्ठ कांग्रेसी नेता केसी वेणुगोपाल ने दोनों की मुलाकात करवाई थी।

रविवार को जयपुर के शहीद स्मारक पर धरने में पहले पायलट पहुंचे। अशोक गहलोत करीब एक घंटे बाद आए। दोनों नेताओं की नजर टकराई तो अभिवादन हुआ, वो भी महज औपचारिकता निभाने के लिए। पायलट को उसी पंक्ति में स्थान दिया गया जिस पंक्ति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को बिठाया गया। अपने-अपने भाषणों के दौरान भी गहलोत और पायलट एक-दूसरे का नाम लिया। हां, लेकिन गहलोत तब जरूर उखड़े हुए नजर आए, जब उनके भाषण के दौरान सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगने लगे। उन्होंने इसका गुस्सा मीडिया पर उतारा। हालांकि, पायलट ने अपनी स्पीच में यह कहकर मामले को ठंडा करने की कोशिश की कि अब हम लोगों को बीती बातें भूल जानी चाहिए।

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