कर्नाटक में फायर ब्रांड नेता हिमंता बिस्व सरमा ने फहराया हिंदुत्व का झंडा, योगी- हिमंता की जोड़ी पर टिकीं बीजेपी की ढेरों उम्मीदें!

भाजपा के दो अनमोल रतन! कर्नाटक में फायर ब्रांड नेता हिमंता बिस्व सरमा ने फहराया हिंदुत्व का झंडा, योगी- हिमंता की जोड़ी पर टिकीं बीजेपी की ढेरों उम्मीदें!

Bhaskar Hindi
Update: 2023-03-17 07:19 GMT
कर्नाटक में फायर ब्रांड नेता हिमंता बिस्व सरमा ने फहराया हिंदुत्व का झंडा, योगी- हिमंता की जोड़ी पर टिकीं बीजेपी की ढेरों उम्मीदें!

डिजिटल डेस्क, बेगलुरू। कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह एक्टिव हो गई है। हिंदू फायर ब्रांड के तौर पर जाने जानेवाले बीजेपी नेता और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा दक्षिण राज्य कर्नाटक में धुआंधार रैली कर रहे हैं। जिसकी वजह से राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई है कि आखिर भाजपा हिमंता को ही रैली के लिए क्यों चुन रही है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो हिमंता ने कांग्रेस से भाजपा में शामिल होकर खुद को हिंदूओं के सबसे बड़े नेता के तौर पर स्थापित कर लिया है। विश्लेषकों का यह भी मानना है कि अगर उत्तर भारत में बीजेपी को हिंदुवादी चेहरे का कोई सबसे बड़ा नेता है तो वो हैं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ हैं। लेकिन अब बीजेपी को योगी के साथ हिमंता का भी साथ मिल गया है। जिसकी वजह से वो अब तमाम चुनावों में हिंदू वोटर्स को साधने के लिए हिमंता का बखूबी उपयोग करेगी। 

बीजेपी की क्या है रणनीति?

आपको बता दें कि, इसी साल मई के महीने में कर्नाटक विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। जिसकी वजह से पार्टी हाईकमान ने स्टार प्रचारक के तौर पर हिमंता बिस्वा सरमा को चुना है। दक्षिण राज्य की राजनीति को समझने वाले अनुराग नायडू ने हिंदुस्तान टाइम्स से हिमंता के चुनावी प्रचार को लेकर कहा कि "अभी चुनाव तारीखों का एलान नहीं किया गया है। ऐसे में भाजपा सभी संभावनाओं को टेस्ट कर रही है। हिमंता का कर्नाटक आना उसी रणनीति से जुड़ा है। भाजपा हार्ड हिंदुत्व के सहारे कर्नाटक में आगे बढ़ रही है। सावरकर यात्रा, टीपू सुल्तान विवाद, भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या, पीएफआई के बैन से जो माहौल बना है, भाजपा उसे हिमंता जैसे नेताओं के सहारे और हवा दे रही है।"

भाजपा पर लगते रहे हैं आरोप

इसके अलावा बीजेपी पर आरोप लगते रहे हैं कि वो केवल हिंदी बेल्ट में ही राजनीति करती आई है लेकिन अब इन सबसे से इतर वो पूरे भारत में अपना विस्तार करना चाहती है। जिसके लिए उसे बड़े नामचीन हस्तियों की जरूरत होगी। जो खासतौर पर हिंदुओं की बात करें। इसी बात का ख्याल रखते हुए हाईकमान ने हिमंता को कर्नाटक राज्य में भेजा है, ताकि अपने धारदार बयानों के जरिए लोगों में अपनी और पार्टी की छाप छोड़ सके। जिससे आगामी विधानसभा चुनाव के साथ साल 2024 के आमचुनाव में भी फायदा लिया जा सके।

योगी-सरमा की जोड़ी होगी हिट

राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, हिमंता आज पूरे भारत में अपने बयानों के जरिए खासा लोकप्रिय हैं। इसके साथ ही वो पूर्वोत्तर राज्य में बीजेपी के सबसे बड़े नेता भी हैं। उनकी हिंदुत्व वाली छवि को देखते हुए पार्टी उन्हें कर्नाटक ही नहीं आने वाले जितने भी चुनाव होने हैं, उन सभी में स्टार प्रचारक के रूप में देखती हैं। पार्टी हार्कमान की रणनीति है कि हिमंता को चुनावी रण में उतारकर नतीजे अपने पाले में लाए जा सकें। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का यह भी माना है कि योगी और सरमा की जोड़ी की काट विपक्षी दलों को ढूंढना ही होगी नहीं तो इनकी हिंदुत्व वाली आंधी में कहीं वो खो ना जाएं।

सरमा से कितना फायदा होगा?

हालांकि, यह बात तो भविष्य के गर्भ में ही छिपा है कि हिमंता का कर्नाटक में एक्टिव होना बीजेपी को कितना फायदा पहुंचाएगा। लेकिन ये बात तो साफ है कि इनके हिंदुवादी बयान और सनातन धर्म के बारे में अपने तमाम रैलियों में जिक्र करना वोटर्स को अपने पाले में लाने का काम करेगा। लेकिन अब देखना दिलचस्प होगा कि जब कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आते हैं तो बीजेपी को हिमंता के इस हिंदुवादी चेहरे और बयानों से कितना फायदा मिलता है।


 

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